बच्चों के अभिभावकों से लिए गए विकल्प पत्र
आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूलों में प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं में बच्चों के प्रवेश कराने के लिए अभिभावकों ने बीएसए दफ्तर पहुंचकर विकल्प पत्र भरकर जमा किए। विकल्प पत्र के आधार पर बच्चों को...
आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूलों में प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं में बच्चों के प्रवेश कराने के लिए अभिभावकों ने बीएसए दफ्तर पहुंचकर विकल्प पत्र भरकर जमा किए। विकल्प पत्र के आधार पर बच्चों को वार्ड के अंदर के स्कूलों में प्रवेश दिलाए जाएंगे। बीएसए ने अभिभावकों को प्रवेश दिलाने का भरोसा दिया है।
शैक्षिक सत्र 2020-21 में आरटीई एक्ट में निजी स्कूलों में गरीब वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों पर प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। अभिभावकों ने अपने बच्चों का ऑनलाइन आवेदन कराया। इस तरह ऑनलाइन माध्यम से 550 आवेदन प्राप्त हुए थे। इन आवेदनों की जांच करने के बाद पात्र बच्चों की सूची जारी की गई। अभिभावकों ने आवंटित स्कूलों में प्रवेश कराने के लिए संपर्क करना शुरू कर दिया। मगर निजी स्कूल प्रबंध तंत्र वार्ड का नियम बताकर अभिभावकों को लौटाने लगे। इस मामले की जिला प्रशासन को शिकायत की गई। अंत में वार्ड के नियम को मान लिया गया। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से विकल्प पत्र मांगे। शनिवार को बच्चों के अभिभावकों ने बीएसए दफ्तर पहुंचकर बच्चों के प्रवेश प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल की। अभिभावकों ने विकल्प पत्र में वार्ड के स्कूलों को भरकर दे दिया। इन स्कूलों में पात्र बच्चों का प्री-प्राइमरी और प्राइमरी में प्रवेश कराया जाएगा। बीएसए चंद्रकेश सिंह ने अभिभावकों से काफी देरतक वार्ता की और प्रवेश कराने का आश्वासन दिया। बीएसए ने बताया कि आरटीई एक्ट में वार्ड के नियम के तहत बच्चों को प्रवेश दिलवाए जाएंगे। ऐसे अभिभावकों से विकल्प पत्र भरवाए जा रहे हैं। अगर किसी वार्ड में एक ही निजी स्कूल है। ऐसे अभिभावक पड़ोस के वार्ड के स्कूल का नाम डाल दें। इस बारे में राज्य मुख्यालय से राय ली जाएगी।