सिर्फ 26 फीसदी कार्यकत्री अपडेट कर रहीं डिजिटल रिपोर्ट
बाल विकास पुष्टाहार विभाग में लापरवाही चरम सीमा पर है। मोबाइल देने के बाद कई प्रशिक्षण भी दिए गए। इसके बावजूद मात्र 26 फीसदी कार्यकत्रियां ही आनलाइन रिपोर्ट भेज रही हैं। इससे केंद्रों की स्थिति की...
बाल विकास पुष्टाहार विभाग में लापरवाही चरम सीमा पर है। मोबाइल देने के बाद कई प्रशिक्षण भी दिए गए। इसके बावजूद मात्र 26 फीसदी कार्यकत्रियां ही आनलाइन रिपोर्ट भेज रही हैं। इससे केंद्रों की स्थिति की सही जानकारी शासन तक नहीं पहुंच पा रही है। कई प्रयासों के बावजूद आंगनवाड़ी केंद्रों की हालत दयनीय है। क्षेत्र के सभी केंद्रो पर योजनाओं के किए जा रहे कार्य और पहुंचने वाले लाभार्थियों की रिपोर्ट भेजी जाती थी। हीलाहवाली के चलते रिपोर्ट हर महीने न पहुंचने से केंद्रों की सटीक जानकारी शासन तक नहीं पहुंच पाती थी।
डिजिटल इंडिया के तहत सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को शासन से एंड्रायड मोबाइल दिए गए। विभागीय मोबाइल से ही ऑनलाइन रिपोर्ट भेजने के भी आदेश किए गए। कई कार्यकत्रियों को रिपोर्ट भेजना तो दूर मोबाइल चलाना भी नहीं आता था। इसके लिए बाल विकास परियोजना कार्यालय पर कार्यकत्रियों को चार बार प्रशिक्षण भी दिया गया। सितंबर से सभी कार्यकत्रियों को दिए गए मोबाइलों से ही रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए गए। इसके बावजूद अभी तक मात्र 26 फीसदी कार्यकत्रियां ही मोबाइल से रिपोर्ट भेज पा रही हैं। इससे शासन की मंशा पूरी न होने के साथ ही योजनाओं में पारदर्शिता भी नहीं आ रही हैं। केंद्रो पर मनमाने तरीके से काम किया जा रहा है। निरीक्षण न होने से इसकी सच्चाई भी उच्चधिकारियों को नहीं पता चल पा रही है।