बुरे कर्म करने वाले का अंत बहुत ही बुरा होता है : ओमकार
दिव्यानंद के सत्संग में संगत के ओमकार ने कहा कि प्रभु की सच्चे मन से भक्ति करने वाले के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इसलिए मनुष्य को प्रभु की भक्ति करनी चाहिए।बीसलपुर के एक बारात घर में दिव्यानंद के...
दिव्यानंद के सत्संग में संगत के ओमकार ने कहा कि प्रभु की सच्चे मन से भक्ति करने वाले के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इसलिए मनुष्य को प्रभु की भक्ति करनी चाहिए।बीसलपुर के एक बारात घर में दिव्यानंद के सत्संग में प्रवचन करते हुए संगत के वक्ता ओमकार ने कहा कि भक्त प्रहलाद भगवान के सच्चे भक्त थे।
हिरणा कश्यप ने उन्हें नाना प्रकार की यातनाए दी, लेकिन उन्होंने प्रभु की भक्ति नहीं छोड़ी। आखिरकार अपने भक्त को बचाने के लिए स्वयं नारायण को प्रकट होना पड़ा। इसीलिए मनुष्य सभी बुराई को त्यागकर सच्चे मन से भगवान की भक्ति करे। क्योंकि भगवान की भक्ति ही ऐसी शक्ति है। जिससे सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, लेकिन आज अच्छे कार्य करने के बजाए बुरे कामों को करने में लगा हुआ है।
बुरे काम करने वालों का अंत बहुत ही बुरा होता है। उन्होंने कहा कि संतों की संगत से ज्ञान की प्राप्ति होती है और बुरे काम करने वालों की संगत से जीवन नरक बन जाता है। सत्संग में रामस्वरूप, गेंदन लाल, रामेश्वर दयाल, भूपराम, प्रवीन कुमार, बल्लू, गेंदा देवी, प्रिया, चमेली देवी, सुमनलता, महेश्वरी, कांती देवी, रामलली, चंपा, नेहा श्रीवास्तव, कल्पना गंगवार सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।