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राष्ट्रीय पक्षी को भा रही टाइगर रिजर्व की माला रेंज

बाघों को छोड़कर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले अन्य वन्यजीवों को लेकर मई में तीन चरणों में हुई गणना का परिणाम आने से अधिकारियों के चेहरों पर खुशी है। टाइगर रिजर्व में वैसे तो गुलदार सहित कई...

बाघों को छोड़कर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले अन्य वन्यजीवों को लेकर मई में तीन चरणों में हुई गणना का परिणाम आने से अधिकारियों के चेहरों पर खुशी है। टाइगर रिजर्व में वैसे तो गुलदार सहित कई...
1/ 3बाघों को छोड़कर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले अन्य वन्यजीवों को लेकर मई में तीन चरणों में हुई गणना का परिणाम आने से अधिकारियों के चेहरों पर खुशी है। टाइगर रिजर्व में वैसे तो गुलदार सहित कई...
बाघों को छोड़कर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले अन्य वन्यजीवों को लेकर मई में तीन चरणों में हुई गणना का परिणाम आने से अधिकारियों के चेहरों पर खुशी है। टाइगर रिजर्व में वैसे तो गुलदार सहित कई...
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बाघों को छोड़कर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले अन्य वन्यजीवों को लेकर मई में तीन चरणों में हुई गणना का परिणाम आने से अधिकारियों के चेहरों पर खुशी है। टाइगर रिजर्व में वैसे तो गुलदार सहित कई...
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हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतMon, 10 Jun 2019 12:47 AM
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बाघों को छोड़कर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले अन्य वन्यजीवों को लेकर मई में तीन चरणों में हुई गणना का परिणाम आने से अधिकारियों के चेहरों पर खुशी है। टाइगर रिजर्व में वैसे तो गुलदार सहित कई वन्यजीवों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन खास बात तो यह हैकि यहां का माहोल राष्ट्रीय पक्षी मोर को काफी भा रहा। टाइगर रिजर्व माला रेंज मोर के लिए काफी मुफीद साबित होती दिख रही। माला रेंज में सबसे अधिक 1278 मोर देखे गए है जो अन्य रेंजों से कई गुना अधिक है।सबसे कम इनकी संख्या हरीपुर रेंज में पाई गई है। टाइगर रिजर्व की सभी पांचों रेंजों में मोर की संख्या 2680 होने की बात कही जा रही।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में मई माह में नौ, 13 और 23 मई को वन्यजीव जंतु की गणना कराई गई थी। तीन चरणों में हुई गणना में टाइगर रिजर्व के स्टाफ के अलावा गाइड और वन्यजीव प्रेमियों को शामिल किया गया। सभी रेंजों में एक साथ गणना कराई गई थी। तीनों चरणों में हुई गणना में जैसा अनुमान लगाया जा रहा था वैसा ही हुआ। स्थापना दिवस पर गणना का डीडी आदर्श कुमार ने रिपोर्ट कार्ड पढ़ा तो अधिकारी औी कर्मचारियों में काफी प्रसन्नता देखी गई। जिस तरह से यहां पर बाघों की संख्या में इजाफा हुआ उसी तरह से अन्य वन्यजीवों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस गणना में सबसे अधिक खुशी की बात यह आई कि अन्य वन्यजीवों के साथ ही यहां पर राष्ट्रीय पक्षी मोर की संख्या में इजाफा हो रहा। गणना रिपोर्ट के अनुसार माला रेंज में सबसे अधिक1278, महोफ में पांच सौ, बराही में तीन सौ, हरीपुर में 230, दियुरिया में 372 मोरों की गिनती हुई है। इस तरह से टाइगर रिजर्व की सभी रेंजों में राष्ट्रीय पक्षी की संख्या 2680 होने का दावा किया जा रहा। इसमें अहम बात तो यह है कि माला रेंज में मोर की संख्या अधिक होने से लग रहा है कि यहां का वातावरण मोरों के लिए मुफीद साबित हो रहा जबकि हरीपुर का माहोल रास नहीं आ रहा।

बराही रेंज में सबसे अधिक तेंदुआ

फोटो 12: पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बराही रेंज में एक पेड़ पर मौजूद तेंदुए का परिवार

गणना के दौरान टाइगर रिजर्व की पांचों रेंजों में गुलदार/ तेंदुए की संख्या को भी स्पष्ट किया गया। इसमें सबसे अधिक संख्या बराही रेंज में 17 की होना आया है। इसके अलावा चार माला में, महोफ में सात, हरीपुर में चार और दियूरिया में भी चार सहित सभी रेंजों में इनकी संख्या 36 आकी गई है। इससे लग रहा है कि तेंदुए का परिवार भी टाइगर रिजर्व में बढ़ रहा है। बता दें कि बराही रेंज में तेंदुए की संख्या अधिक होने का परिणाम है कि सीमांत गांवों में इनकी चहल कदमी देखी जाती है।

गिद्वों की संख्या में हो गया काफी इजाफा

फोटो 16: पीलीभीत टाइगर रिजर्व में गिद्वों की संख्या बढ़कर तीन सौ के पार पहुंच गई है

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में गिद्वों की संख्या काफी कम थी। कारण था कि जहां पर इनका आशियाना होता है वहां पर शारदा नदी का कहर होता है। हर साल बाढ़ में नदी पेड़ों को काटने के साथ ही उनका घर भी साफ कर देती। हरीपुर रेंज के अलावा अब इस गणना में इनकी संख्या में बराही के अलावा महोफ और लग्गाभग्गा क्षेत्र में गिद्वों का वास स्थल देखा जा रहा। गणना के अनुसार इनकी संख्या तीन सौ के पास पहुंच गई जो पिछले साल करीब दो सौ थी।

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वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर के कैमरे में भी कैद हुए दुलर्भ वन्यजीव

मई में हुई गणना में कर्मचारियों के अलावा गाइड और वन्यजीव प्रेमियों को शामिल किया गया। अलग अलग रेंज में तीनों चरणा में काम कराया गया। इसमें गणना कार्य में लगे वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर जो पांच साल से टाइगर रिजर्व के साथ काम कर रहे है और प्रदेश स्तरीय फोटो प्रदर्शनी में लगातार पहला स्थान पा रहे है। उनके कैमरें में गणना के दौरान दुलर्भ बंगालपुरीगन, नेपाली बारहसिंद्या, ऊदबिलाव सहित कई चिडिया कैद हुई। कैमरे में तस्वीर देखने के बाद अधिकारियों ने उनको बधाई दी और तस्वीर को निकलवाकर फोटो गैलरी में लगवाने की बात कही।

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असम की तितली देखी गई टाइगर रिजर्व में

वन्यजीवों की गणना कार्य में लगे टरक्वाइज वाइल्ड लाइफ सोसायटी के अध्यक्ष अख्तर मियां खान को भ्रमण के दौरान असम की खूबसूरत तितली दिखाई दी। असम के अलावा यह तितली और कहीं नहीं पाई जाती है। घर पर अध्ययन करने के दौरान पता चला कि तितली यहां पर अपना परिवार बढ़ा रही है और एक पेड़ पर प्रजनन करती है। उन्होंने डीडी से उसके संरक्षण की बात कही है।

गणना के दौरान टाइगर रिजर्व की सभी रेंजों में कई तरह के वन्यजीव देखे गए थे। सभी का डाटा एकत्र किया गया था। अब इसका परिणाम घोषित करते हुए काफी खुशी हुई कि दुलर्भ के अलावा अन्य वन्यजीवों की संख्या बढ़ रही। इससे लग रहा है कि उनका और कर्मचारियों का प्रयास सार्थक हो रहा।

आदर्श कुमार, उपनिदेशक

पीलीभीत टाइगर रिजर्व

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