मनरेगा घोटाला: अमरिया से पूरनपुर तक फैला है एपीओ का मकड़जाल
जिस तरह से मनरेगा के अंतर्गत फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों का खेल किया गया। उससे यह तो साफ है कि कोई कारिंदा इसे केवल अपने बूते तो अंजाम नहीं दे सकता। इस मामले में कहीं न कहीं वरदहस्त तो किसी का रहा है।...
जिस तरह से मनरेगा के अंतर्गत फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों का खेल किया गया। उससे यह तो साफ है कि कोई कारिंदा इसे केवल अपने बूते तो अंजाम नहीं दे सकता। इस मामले में कहीं न कहीं वरदहस्त तो किसी का रहा है। सूत्रों के मुताबिक पूरा मामला अमरिया से लेकर पूरनपुर तक के क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है।
करोड़ों के घोटाले में फंसे एपीओ अजय कुमार, जिसे एफआईआर में रोजगार सेवक लिखा गया है। यह पूर्व में पूरनपुर ब्लाक में भी तैनात रहा है। उसपर कई गंभीर आरोप लगे पर राजनीतिक पकड़ के चलते दामन पर दाग नहीं आया। जब पूरनपुर में एपीओ की कई शिकायतें हुईं तो तत्कालीन डीएम डॉ. अखिलेश कुमार मिश्रा ने अजय को अमरिया और अमरिया के एपीओ आदर्श को पूरनपुर जाने के आदेश कर दिए थे।
पर तबादला होने के बाद भी एपीओ अजय ने पूरनपुर का मलाईदार चार्ज नहीं छोड़ा। इतना ही नहीं एक मंत्री से अफसरों पर दबाव बनाकर तबादला निरस्त कराने की कोशिश भी की। निरस्तीकरण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई, मीडिया ने इस मुद्दे को उछाल दिया। जब सुर्खियां बनीं तो एपीओ मीडियाकर्मियों पर रुतबा दिखाने लगा। हालांकि बाद में उसे अमरिया का चार्ज लेना पड़ा। जहां उसने दो साल में ही करोड़ों रुपये की चपत लगा दी।
अमरिया में फर्जीवाड़ा पाए जाने के बाद अफसर अब पूरनपुर में तैनाती के दौरान की जांच करने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो एपीओ ने अमरिया में रहते हुए पूरनपुर में भी पांव पसार रखे थे। सीडीओ ने बताया कि पूरनपुर में एपीओ की तैनाती के दौरान की भी जांच होगी।
आरोपी की पत्नी भी है एपीओ
आरोपी एपीओ अजय कुमार की पत्नी अनामिका सक्सेना भी एपीओ के पद हैं। मौजूदा समय में वह जिला मुख्यालय पर काम देखती हैं। एक साल पहले मरौरी ब्लाक में तैनाती के दौरान काफी सुर्खियों में रहीं। पूर्व में कई शिकायतें हुईं, पर न तो जांच हो सकी और ही न ही कोई कार्रवाई।
बैंकों से मांगी डिटेल
एपीओ और तीनों रोजगार सेवक द्वारा किए गए घोटाले का अब तक आंकलन नहीं किया जा सका है। हालांकि अफसरों का मानना है कि करोड़ों का हेरफेर है। अब सभी बैंकों से रिपोर्ट मांगी गई है कि जय मां अम्बे इंटरप्राइजेज के नाम से जितने भी भुगतान हुए हैं, उसकी रिपोर्ट दी जाए। सीडीओ श्रीनिवास मिश्रा ने बताया बैंकों से रिपोर्ट मिलने के बाद भी सही धनराशि के बारे में पता चलेगा।