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बिहारीपुर में युवकों के शव पहुंचते ही परिजनों में मची चीत्कार

जिला लखीमपुर के भीरा पलिया हाइवे पर ईंटों भरी ट्रैक्टर ट्राली पलटने से तीन लोगों की मौत हो गई जबकि अन्य तीन लोग घायल हो गए। मरने वालों में दो युवक पूरनपुर के गांव बिहारीपुर और एक युवक गांव डगा का था।...

बिहारीपुर में युवकों के शव पहुंचते ही परिजनों में मची चीत्कार
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतFri, 08 Mar 2019 12:18 AM
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जिला लखीमपुर के भीरा पलिया हाइवे पर ईंटों भरी ट्रैक्टर ट्राली पलटने से तीन लोगों की मौत हो गई जबकि अन्य तीन लोग घायल हो गए। मरने वालों में दो युवक पूरनपुर के गांव बिहारीपुर और एक युवक गांव डगा का था। घायल हुए सभी लोग बिहारीपुर के ही हैं।

हादसे की सूचना पर मृतकों के परिजनों में चीत्कार मच गई। शाम को तीनों युवकों के शव गांव पहुंचे। इससे परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। हादसा बुधवार की रात जिला लखीमपुर के भीरा पलिया हाइवे पर शारदा नदी के पास स्थित गांव कचनारा के समीप हुआ। पूरनपुर क्षेत्र के गांव बिहारीपुर के रहने वाले ताराचंद (32), भगवानदास (35) और गांव डगा के रहने वाले आरिफ (35) ईंटों की बिक्री का कार्य करते हैं।

ग्रामीणों के अनुसार यह तीनों लोग यहां से ईंटे खरीदकर जिला लखीमपुर के पलिया तक पहुंचाते हैं। बुधवार को इन तीनों के साथ में बिहारीपुर के रहने वाले अहिवरन सिंह, अवनीश और मोहनस्वरूप ट्रैक्टर ट्राली से ईंटों को लेकर पलिया जा रहे थे। ट्रैक्टर अहिवरन चला रहा था। बताया जाता है कि भीरा पलिया हाइवे पर ट्रैक्टर ट्राली अनियंत्रित होकर पलट गई। इससे ट्राली ट्रैक्टर और ट्राली पर बैठे सभी लोग उसके नीचे आ गए। जानकारी के अनुसार ताराचंद्र, भगवानदास और आरिफ की मौके पर ही मौत हो गई जबकि अहिवरन, अवनीश और मोहनरूवरूप गंभीररूप से घायल हो गए। हादसे की सूचना मृतकों के परिजनों को गुरु वार तड़के मिली।

इससे उनमें चीत्कार मच गई। गांव बिहारीपुर में दो और डगा के एक युवक की अचानक मौत होने से परिजनों में कोहराम मचा है। बेटी की बारात आने को लेकर ताराचंद्र रात दिन कर रहा था मेहनत हादसे में पूरनपुर के तीन युवकों की मौत से दो गांव में पसरा मातम पूरनपुर। हिन्दुस्तान संवाद गांव बिहारीपुर के रहने वाले ताराचंद्र और भगवानदास अपने अपने घर से परिजनों को जल्दी वापस आने की बात कहकर निकले थे। दोनों युवक अधिकतर समय एक साथ की बिताते थे। दोनों युवकों की कड़ी मेहनत पर गांव वाले उनकी काफी सराहना भी करते थे। दोनों युवक काफी खुशमिजाज के थे लेकिन शायद यह खुशी ईश्वर को ठीक न लगी और दोनों को अपने पास बुला लिया। घर जल्दी आने के बजाए दोनों युवक हमेशा के लिए अपने परिजनों से जुदा हो गए।

हादसे में तीन युवकों की मौत से पूरनपुर के गांव बिहारीपुर और डगा में मातम पसरा हुआ है। सड़क हादसे में गांव बिहारीपुर के रहने वाले ताराचंद्र अपनी बेटी के हाथ पीले नहीं कर सके। परिजनों के अनुसार उन्होंने अपनी बड़ी बेटी खुशबू की शादी बरेली से तय कर दी थी। दो मई को उनके घर बारात आने की तारीख निश्चित हुई थी। बेटी की शादी धूमधाम से करने के लिए वह दिन रात कड़ी मेहनत कर रुपए जुटा रहे थे। उनकी पत्नी क्रांति देवी ने रो रोकर बताया कि वह बेटी की शादी तय होने से काफी खुश थे।

उसके हाथ पीले करने और धूमधाम से बेटी को घर से बिदा करने की बात कह रहे थे। ताराचंद्र की मौत से परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। ताराचंद्र के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा पिता उमरायलाल, माता टिकोली देवी, पुत्र गौरव (12), सौरभ (10), बेटी खुशबू (20), सरिता (15) और छोटी बेटी पूजा (8) है। पिता की मौत से बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है। बेटे की मौत से बुजुर्ग पिता उमरराय लाल बेसुध हो गए।

भगवान दास की मौत से परिजन दहाड़े मार मारकर रो रहे हैं। मृतक भगवान के परिवार में उनके बुजुर्ग माता पिता नत्थूलाल और पूनम देई के अलावा पत्नी रेनू देवी (30), बेटा गुड्डू (15), बेटी शिवानी (9), नैंसी (6) और सबसे छोटी बेटी सलौनी पांच वर्ष की है। परिजनों के अनुसार भगवानदास बुधवार की रात लगभग आठ बजे घर से निकले थे। रात लगभग दो बजे फोन आया। इससे परिजनों में चीतकार मच गई। भगवान दास के बच्चे अपनी मम्मी और दादी से बारर बार यही बात कह रहे थे कि तुम को क्यों रो रहे हो, मुझे भी बताओ। उनको शायद पता नहीं था कि उनके सिर से पिता का साया उठ चुका है। गांव डगा के रहने वाले मृतक आरिफ के परिजनों का भी रो रोकर बुरा हाल है।

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