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पीलीभीत के गुरुद्वारा छेवी पातशाही का जानें क्या है ऐतिहासिक महत्व

फोटो 9, 10 : शहर में स्थिति छेवी पातशाही गुरुद्वारे को प्रकाश पर्व के बिजली की रंगबिरंगी झालरों से सजाया गया। इस गुरुद्वारे की शोभा दिन में भी देखते ही बनती...

पीलीभीत के गुरुद्वारा छेवी पातशाही का जानें क्या है ऐतिहासिक महत्व
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतThu, 22 Nov 2018 11:56 PM
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पीलीभीत के गुरुद्वारा छेवी पातशाही का पावन पवित्र स्थान श्री गुरु हरगोविंद साहिब जी की मीठी याद में सुशोभित है। इस पावन पवित्र स्थान पर गुरु जी उस समय पहुंचे, जिस समय सिद्ध- जोगियों ने श्री नानकमत्ता साहिब में पीपल साहिब को योग शक्ति से जला दिया था। उस समय बाबा अलमस्त जी ने श्री गुरु हरगोविंद साहिब जी के चरणों में अरदास- बेनती की कि आप जी नानकमता साहिब आकर इस स्थान की पवित्रता को बहाल करें।

बताया जाता है कि गुरु जी अपने साथ कुछ सेवकों लेकर श्री अमृतसर साहिब से श्री नानकमता साहिब पहुंचे। गुरु जी को संत सिपाही के स्वरूप में देख कर सिद्ध- जोगी वहां से पीलीभीत आ गए। श्री नानकमत्ता साहिब उस समय पीलीभीत की रियासत में आता था। पीलीभीत में उस समय राजा बाज बहादुर का राज था। यह सभी सिद्ध जोगी राजा बाज बहादुर के पास आए और शिकायत की कि एक शस्त्रधारी ने हमारे स्थान पर कब्जा कर लिया है।

राजा बाज बहादुर अपनी फौज के साथ श्री नानकमत्ता साहिब पहुंचे। वहां पर उसने देखा कि यह तो छेवें पातशाह श्री गुरु हरगोविंद साहिब जी हैं, जिन्होंने मुझे ग्वालियर के किले से 52 राजाओं के साथ मुगल सम्राट जहांगीर की कैद से रिहा कराया था। राजा बाज बहादुर ने गुरु जी के चरणों में नमस्कार की और गुरु जी को आदर सत्कार के साथ अपनी रियासत पीलीभीत चलने के लिए बिनती की। गुरु जी ने राजा की बिनती मानकर राजा के महलों में अपने पवित्र चरण डाले। यहां पर राजा का बेटा जो कि काफी समय से बीमार चल रहा था और ठीक नहीं हो रहा था। रानी ने अपने पुत्र की तंदुरुस्ती के लिए गुरु जी के चरणों में बिनती की।

गुरु जी के कृपा से राजा का पुत्र ठीक हो गया। उस समय गुरु जी ने वचन दिया कि जो भी सच्चे मन व श्रद्धा- भावना से इस स्थान पर आएगा, उस की हर मनोकामना पूरी होगी और दुख कष्ट दूर होंगे। इस स्थान पर गुरु जी के वचन आज भी सत्य हो रहे हैं। इस पावन पवित्र स्थान की सेवा संभाल कार सेवा वाले पंथ रत्न संत बाबा हरबंस सिंह जी, संत बाबा फौजा सिंह जी ने संस्था कर रही है। यह सारा विवरण गुरुद्वारे के बाहर लगे एक बोर्ड पर दर्ज किया गया है, ताकि जो भी लोग यहां आएं वे इस गुरुद्वारे के बारे में जान सकें।

प्रकाश पर्व पर सजा गुरुद्वारा : छेवी पातशाही गुरुद्वारा पर समय-समय पर भव्य कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। श्रीगुरुनानक के प्रकाश पर्व पर भी गुरुद्वारे को भव्य सजाया गया है। गुरुवार को गुरुद्वारे में श्री अखण्ड पाठ साहिब का आरम्भ हुआ था। इसका भोग शुक्रवार को पड़ेगा।

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