सिरसा के जंगल में स्थित प्राचीन, प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक बाबा इकोत्तरनाथ और कुर्रेया क्षेत्र में श्रेत्रानाथ मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। दोनों धार्मिक स्थलों पर प्रत्येक माह की अमावस्या, पूर्णमासी, हर साल सावन माह और महाशिवरात्रि आदि पर्वों पर भीड़ उमड़ती है। बलरामपुर चौकी क्षेत्र के मंडनपुर जंगल में गोमती नदी किनारे भगवान शिव का शिवालय बाबा इकोत्तरनाथ के नाम से विख्यात है। यहां पर हर साल महाशिरात्रि पर विशाल मेला लगता हैं। सावन माह में भक्त मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं। हर साल महाशिवरात्रि और मौनी अमावस्या पर भी भक्तों की बड़ी संख्या में भीड़ पहुंची है। मंदिर में स्थित प्राचीन शिवलिंग दिन में कई बार रंग बदलता है। मान्यता है कि यहां मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मनौती पूरी होने पर यहां मंदिर परिसर में नल लगवाए जाते हैं। वहीं पूरनपुर से खुटार हाइवे पर कुर्रैयाकलां संपर्क मार्ग से गांव खांडेपुर और गढ़वाखेड़ा के मध्य बाबा त्रेतानाथ शिवमंदिर है। बताते है कि शिवलिंग त्रेतायुग का है। अब यहां भव्य मंदिर बन गया है। धर्मशाला, बाउंड्रीवाल, पक्का फर्श व ब्रम्हदेव स्थल है। सावन माह में हर रोज यहां भक्त पहुंचकर शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर बेलपत्र चढ़ाने के साथ जलाभिषेक करते हैं। बताते हैं कि शिवमंदिर में स्थित शिवलिंग पर हर रोज सुबह के वक्त जल चढ़ा हुआ मिलता है। सबसे पहले शिवलिंग पर जलाभिषेक कौन कर जाता है। जानने के लिए लगातार प्रयास हुए पर यह राज ही रहा। सावन माह के अलावा हर सोमवार और महाशिवरात्रि पर यहां भीड़ लगती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।