हाथ में नहीं था डंडा फिर भी करता रहा बाघ से मुकाबला
वैसे तो बाघ को सामने देखकर हर किसी की सांसे थमने लगती है, लेकिन आसू का हौसला बुलंद ही रहा। खुद को मौत के मुंह में मानकर उसने बचाव के लिए हाथ में कुछ भी न होने पर भी मुकाबला करने का फैसला ले लिया।...
वैसे तो बाघ को सामने देखकर हर किसी की सांसे थमने लगती है, लेकिन आसू का हौसला बुलंद ही रहा। खुद को मौत के मुंह में मानकर उसने बचाव के लिए हाथ में कुछ भी न होने पर भी मुकाबला करने का फैसला ले लिया। हाथों से बाघ के मुंह पर वह प्रहार करता रहा और खुद को सुरक्षित करने का प्रयास किया। करीब पांच मिनट तक संघर्ष होने के बाद बाघ दोनों को छोड़कर चला गया।
खेत पर पानी लगा रहे सुजीत पर जंगल से बाहर आए बाघ ने जब हमला बोला तो उसके पास में ही आसू खड़ा था। बाघ को आते देखकर सुजीत ने कहा कि अब तो मरा। इस पर आसू ने कैसे पूछते हुए देखा तो होश उड़ गए। बाघ सुजीत को गिरा रहा था। यह देखकर आसू ने शोर किया तो बाघ ने उसपर भी हमला कर दिया। आसू ने सोचा कि अब तो कोई नहीं बचेगा क्यों न हो मुकाबला किया जाए। यह सोचकर आसू बाघ से मुकाबला करने को तैयार हो गया। आसू ने बताया कि पहले उसने आसपास देखा कि शायद कोई डंडा मिल जाए, लेकिन जब नहीं मिला तो वह अपने हाथ से ही बाघ को मारने लगे और उसके मुंह पर प्रहार शुरू कर दिए। बाघ के मुंह और कान पर कई हाथ लगे तो बाघ ने उसे छोड़कर दिया और खेतों की ओर चला गया। आसू के अनुसार बाघ ने ही हमला किया था और इससे पहले कभी वहां पर नहीं दिखा था। मौत मानकर उसने बाघ से मुकाबला इसलिए किया कि शायद बच सके। उसकी यह सोच सटीक रही और बाघ दोनों को छोड़कर चला गया। बाघ के जाने के बाद सुजीत को किनारे मेड़ पर लाकर गांव में सूचना दी गई। यदि वह मुकाबला न करता तो दोनों मारे जाते।
घटना पर वन्यजीव की शिनाख्त को लगाए गए छह कैमरे : गांव चंदिया हजारा में खेत पर काम करने के दौरान एक ही जानवर ने आसू, सुजीत और अशोक पर हमला किया था कि अलग-अलग थे यह भी तय नहीं हो सका। यहां तक कि वन विभाग तेंदुआ कह रहा जबकि घायल बाघ बता रहे हैं। किस वन्यजीव ने हमला किया इसकी पड़ताल न होने से बात स्पष्ट नहीं हो पाई है। हालांकि वन कर्मचारी मौके पर लगे हुए हैं और पदचिह्न ट्रेस करने का प्रयास कर रहे। इधर मौके पर डीडी आदर्श कुमार ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की थी। घटना तीनों जंगल के अंदर होने का दावा किया जा रहा। हमलावर कौन से वन्यजीव है इसकी सटीक जानकारी के लिए मौके पर ही छह कैमरों को लगाया गया। कैमरे लगाने के बाद मौके पर ही वन कर्मचारियों की गश्त को लगाया गया।