खेतों में सरहद जैसी पहरेदारी, लाठी-डंडा लेकर किसान कर रहे चौकीदारी
फाल्गुन माह में हुई बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा और अब गोवंश मुसीबत बन गया है। मजबूरन किसानों को लाठी-डंडा लेकर खेतों में सरहद जैसी...

फाल्गुन माह में हुई बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा और अब गोवंश मुसीबत बन गया है। मजबूरन किसानों को लाठी-डंडा लेकर खेतों में सरहद जैसी पहरेदारी करनी पड़ रही है। आरोप है कि अस्थाई गोशालाओं के बजाए सड़कों और खेतों में आवारा पशु देखे जा रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी भी किसानों की इस समस्या की तरफ ध्यान नहीं दे रहे।
हाथ में लाठी-डंडा, हो हल्ला करते हुए गोवंशीय पशुओं को खेतों से खदेड़ना। यह नजारा इस वक्त पूरनपुर और कलीनगर तहसील क्षेत्र में देखा जा रहा है। बताते हैं कि छुट्टा पशुओं का आतंक लगातार बढ़ रहा है। मौका मिलते ही वह फसलों को तबाह करने में देर नहीं लगाते। खास बात तो है कि दोनों तहसीलों में गांव फत्तेपुर और परसादपुर में लाखों रुपए की लागत से अस्थाई गोशालाएं बनाई गईं है। आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते गोशालाओं में तो कम बल्कि खेतों और सड़कों पर बड़ी संख्या में पशु देखे जा रहे हैं। गेंहू की फसल को पशुओं के झुंड बेहद नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे किसान अपने खेतों में सरहद जैसी चौकीदारी करने को मजबूर हैं।
पशु छोड़ने वालों पर लगे जुर्माना
घुंघचाई के किसान पप्पू दीक्षित का कहना है कि गाय के बछड़े को लोग छोड़ देते हैं। ऐसे लोगों पर जुर्माना की कार्रवाई हो। सिमरिया के रामौतार सक्सेना ने बताया कि गोवंश गेहूं को बर्बाद कर रहे हैं। बिलंदपुर के रामसेवक शर्मा का कहना है कि पशु छोड़ने वाले लोगों पर कार्रवाई हो।
