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गेहूं बरामदगी मामले में केंद्र प्रभारी समेत कई पर एफआईआर दर्ज

शहर की राजापुर मंडी में टिनशेड नम्बर छह के नीचे 1800 क्विंटल से ज्यादा सरकारी बोरियों में लावारिश मिले गेहूं के मामले में कोतवाली सदर में रिपोर्ट...

गेहूं बरामदगी मामले में केंद्र प्रभारी समेत कई पर एफआईआर दर्ज
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीFri, 28 May 2021 10:40 PM
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लखीमपुर-खीरी।

शहर की राजापुर मंडी में टिनशेड नम्बर छह के नीचे 1800 क्विंटल से ज्यादा सरकारी बोरियों में लावारिश मिले गेहूं के मामले में कोतवाली सदर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इसमें यूपीएसएस के केन्द्र प्रभारी प्रदीप कुमार द्विवेदी, अभिनव गुप्ता उर्फ शानू और अन्य के खिलाफ कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई है। यह रिपोर्ट यूपीएसएस के जिला प्रबंधक वेद प्रकाश निगम ने दर्ज कराई है। अब छानबीन पुलिस करेगी। उधर यह गेहूं किसका है इसकी जांच भी की जा रही है। प्रथमदृष्टया ये माना जा रहा है कि बिचौलियों ने इसमें खेल किया है। सरकारी बोरा, सरकारी सिलाई और गेहूं कहीं दर्ज नहीं है तो फिर आखिर यह गेहूं आया कहां से। ये एक बड़ा सवाल है।

एक दिन पहले संभागीय खाद्य नियंत्रक संतोष कुमार ने शहर की राजापुर मंडी में छापा मारा। यहां टिन शेड नम्बर-छह के नीचे सैकड़ों बोरियां रखी मिलीं। इस गेहूं के बारे में जब पूछा तो एक युवक ने कहा कि यह गेहूं किसानों का है। आरएफसी ने केन्द्र प्रभारी प्रदीप द्विवेदी से पूछा तो उन्होंने अपना गेहूं नहीं बताया। सरकारी बोरियों और सरकारी लाल रंग के धागे से सिलाई देखकर उनका माथा ठनका। एसडीएम सदर को बुलाया गया। घंटों तक छानबीन हुई पर कोई दावेदार सामने नहीं आ सका कि यह गेहूं किसका है। इस पर गेहूं सीज करके मंडी के सुपुर्द कर दिया गया। इस मामले में यूपीएसएस के जिला प्रबंधक वेद प्रकाश निगम ने कोतवाली सदर में रिपोर्ट दर्ज कराई है। खास ये है कि यहीं पर दो ट्रक मिले जिनमें करीब 700 बोरी गेहूं था। ये गेहूं किसने भरवाया, कहां जा रहा था कौन भेज रहा था इसके बारे में भी कुछ पता नहीं चल सका। इस पर इन दोनों ट्रकों को भी सीज कर दिया गया है। दर्ज कराई गई रिपोर्ट में यूपीएसएस के जिला प्रबंधक वेद प्रकाश निगम ने बताया कि केन्द्र प्रभारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह उनका गेहूं नहीं है। पूछताछ में स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। इस बीच अभिनव गुप्ता ने आरएफसी से किसानों का गेहूं बताकर बहस शुरू कर दी। अन्य अधिकारियों के मौके पर पहुंचने पर वह वहां से निकल गए। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज हुई है।

तो बिचौलियों को कहां से मिले सरकारी बोरे, कैसे हुई सिलाई

-दर्ज कराई गई रिपोर्ट में यूपीएसएस के जिला प्रबंधक ने कहा है कि आरएफसी ने जब टीनशेड नम्बर 6 पर सरकारी बोरियों में लगे स्टाफ के बारे में पूछा तो केंद्र प्रभारी ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि वह उनके केंद्र का नहीं है। अन्य सवालों पर संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। इसी बीच अभिनव गुप्ता उर्फ शानू ने उच्चाधिकारियों से अभद्र व्यवहार करते हुए स्टाक किसानों का बताया और बहंस शुरू कर दी। कुछ देर बाद अभिनव वहां से चला गया। उसके बारे में पूछने पर केंद्र प्रभारी ने स्वीकार किया कि वह उस व्यक्ति को जानते हैं। आरएफसी के निर्देश पर इस स्टाक की जांच की गई। इसमें 2941 सरकारी बोरों में गेहूं मिला। इन बोरों पर स्टैंसिल या तो लगी नहीं थी या बहुत ही धुंधली थी। साथ ही चबूतरे से सटे हुए 350-350 बोरे लदे थे वह भी लावारिश मिले। पता चला है यह भी यहीं से लोड हुए हैं। दर्ज कराई रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इससे यह सामने आता है कि जो स्टाक पाया गया वह शासन की सबसे महत्वपूर्ण योजना कोविड-19 के दौरान खरीद को विफल करने का प्रयास करके किसानों के साथ धोखाधड़ी, कालाबाजारी और बिचौलियों के द्वारा खरीद कर सरकारी पैसों को गबन करने का सुनियोजित षडयंत्र रचा गया। इस मामले की जांच अब कोतवाली पुलिस करेगी।

अफसरों की नाक के नीचे होता रहा खेल!

-शहर की राजापुर मंडी में ही गेहूं खरीद में जमकर खेल होता रहा और अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लगी। एक ही दिन में तो इतना स्टाक लगा नहीं होगा। आखिर ट्रकों में गेहूं लोड करके कहां भेजा जा रहा था कौन भरवा रहा था इन सवालों के जवाब नहीं हैं। जबकि मंडी समिति के अधिकारी व कर्मचारी यहीं रहते हैं। डिप्टी आरएमओ, एमएमओ, एसडीएम, डीएम, एडीएम आदि सभी जब भी निरीक्षण करते हैं तो मंडी के क्रय केन्द्र देखते हैं। कोरोना संक्रमण बढ़ने पर प्रशासन इसकी रोकथाम में लगा रहा तो फिर मंडी और खरीद से जुड़े अधिकारियों ने क्यों निरीक्षण नहीं किया। माना जा रहा है कि प्रशासनिक अधिकारी कोरोना संक्रमण में व्यस्त रहे और दलाल, बिचौलियों ने मिलकर मंडी में गेहूं की सरकारी खरीद में जमकर धांधली कर ली। किसान परेशान होते रहे और जिम्मेदार सोते रहे। अब अफसर एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं। यूपीएसएस के जिला प्रबंधक बताते हैं कि वह कोरोना संक्रमित हो गए थे जिस कारण निरीक्षण नहीं कर सके।

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