अतीत में बुलंद रहीं धरोहरों को नई पहचान की आस
Pilibhit News - बरेली के जहानाबाद क्षेत्र के बिलईखेड़ा और शाहगढ़ में राजा वेणु के किले के अवशेषों को सुरक्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य पुरातत्व विभाग की टीम ने हाल ही में सर्वे किया है। स्थानीय लोगों का...

कभी बरेली का हिस्सा रहे जहानाबाद क्षेत्र के बिलईखेड़ा के टीले समेत शाहगढ़ में राजा वेणु के किले के अवशेषों को सुरक्षित और संरक्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। विश्व धरोहर दिवस से ठीक सप्ताह भर पूर्व राज्य पुरातत्व विभाग की टीम ने आकर यहां सर्वे किया है। ऐसे में उम्मीद जागी है कि संरक्षण की दिशा में चल रहे प्रयास सार्थक साबित हो सकते हैं। पीलीभीत में बिलई खेड़ा का टीला हरिद्धार हाईवे किनारे स्थित है। इंटरनेट मीडिया के मुताबिक यहां के बारे में अलेक्जेंडर कर्निघम ने 1862 में अपनी सर्वे को उल्लेख किया है। क्षेत्रीय लोगों का भी यही कहना है कि अतीत के पन्ने में जरूर इस टीले के बारे में राज हैं। जब तब यहां के लोगों को टीले के आसपास सिक्के और अन्य पौराणिक वस्तुए दिखती रहीं हैं।
यही नहीं शाहगढ़ के पास राजा वेणु का टीला नाम से लोग इस अहम स्थान पर अवशेषों को लेकर रोमांचित रहते हैं। दावा किया जाता है कि यहां लाखौरी ईंटों के साथ निर्माण किया गया था। इन जानकारियों के समावेश के साथ सामाजिक सरोकार से जुड़ाव रखने वाले व अधिवक्ता शिवम कश्यप ने एक पत्र जिला प्रशासन को देकर इनके संरक्षण को प्रयास करने का आग्रह किया गया था। इस पर रिपोर्ट जब जिला प्रशासन की तरफ से गई तो पिछले सप्ताह राज्य पुरातत्व विभाग के सहायक पुरातत्व अधिकारी राजीव त्रिवेदी ने यहां आकर निरीक्षण कर सर्वे किया था। इसके बाद से क्षेत्रीय लेागों में उत्साह है कि बिलई खेड़ा और राजा वेण के शाहगढ़ वाले स्थान को सरंक्षित किया जा सकता है। हालांकि इस प्रक्रिया में अभी कुछ भी कंक्रीट नहीं है। सर्वे किया गया है इसका आंकलन जारी है। अधिवक्ता शिवम कश्यप ने बताया कि पत्र के माध्यम से एक प्रयास किया गया है। पिछले दिनों राज्य पुरातत्व विभाग के अधिकारी आए थे। उम्मीद है कि सर्वे में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
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