डीएम ने लिया संज्ञान तो पालिका को तालाबों का आया ध्यान
नगर पालिका क्षेत्र में तालाबों की दुर्दशा का डीएम ने संज्ञान लिया तो नगर पालिका को भी इनकी दशा का ध्यान आ गया। डीएम के आंखें तरेरते ही नगर पालिका इन बदहाल तालाबों की साफ-सफाई में जुट गया। डीएम ने...
नगर पालिका क्षेत्र में तालाबों की दुर्दशा का डीएम ने संज्ञान लिया तो नगर पालिका को भी इनकी दशा का ध्यान आ गया। डीएम के आंखें तरेरते ही नगर पालिका इन बदहाल तालाबों की साफ-सफाई में जुट गया। डीएम ने शुक्रवार को शहर के तीन तालाबों का निरीक्षण किया था और ईओ को दिशा निर्देशित किया था।
शहर में टनकपुर हाईवे किनारे जिस तालाब का सौंदर्यीकरण कराकर खूबसूरत पर्यटन स्थल बनाने का सपना पूर्व डीएम ने शहरवासियों को दिखाया था वह बदहाल है। इसके अलावा नगर पालिका क्षेत्र में दो अन्य तालाब भी दुर्दशा के शिकार हैं। इनमें एक तालाब टनकपुर हाईवे पर ही सिटी हास्पीटल के सामने है और दूसरा प्रचलित घन्नई ताल है, जिसे एकता सरोवर के नाम से भी जाना जाता है। एकता सरोवर का तो अमृत योजना के बजट से कायाकल्प हो रहा है, पर टनकपुर हाईवे किनारे दोनों तालाब कब्जों की चपेट में आने से निरंतर सिकुड़ते जा रहे है। नगर पालिका इन तालाबों की सुरक्षा को लेकर मांखें मूंदे रहता है। इससे तालाबों पर भूमाफियाओं की भी नजर लगी रहती है। वर्तमान डीएम वैभव श्रीवास्तव के पास इन तालाबों की बदहाली और में इनमें नगर पालिका के ही संरक्षण में हो रहे अवैध मछली कारोबार की शिकायत पहुंची थी। इस पर डीएम ने पहले तो एसडीएम सदर वंदना त्रिवेदी को इनकी स्थिति का जायजा लेने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने इनका निरीक्षण कर स्थिति से डीएम को अवगत भी करा दिया था। इसके बाद शुक्रवार को डीएम ने खुद इन तालाबों की स्थिति का जायजा लेने निकले। उन्होंने एसडीएम सदर वंदना त्रिवेदी और नगर पालिका ईओ निशा मिश्रा के साथ इन तालाबों की हकीकत परखी। तालाबों की बदहाली पर उन्होंने नाराजगी जताई और इनकी सफाई कराने का ईओ को निर्देश दिया। उन्होंने इन तालाबों की पैमाइश कराने भी अधिकारियों को निर्देश दिए। डीएम के निर्देश पर ईओ ने शनिवार को अपनी टीम को इन तालाबों की सफाई में जुटाया। सफाई निरीक्षक पालिका की जेसीबी के साथ मौके पर पहुंचे और पहले गौहनियां चौराहे स्थिति तालाब से जलकुंभी हटवाई और बाद में इससे आगे सिटी हास्पीटल के सामने वाले तालाब की सफाई कराई। तालाबों की सफाई होने पर इनसे लगे मकानवालों के भी कान खड़े हो गए। अब देखना होगा कि नगर पालिका और राजस्व विभाग इन तालाबों की पैमाइश कराकर इनको अवैध कब्जों में मुक्त कराते हैं या डीएम के आदेश को हवा में उड़ाते हैं।