ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश पीलीभीतबजट जारी होने के बाद भी हॉस्टल का निर्माण शुरू नहीं

बजट जारी होने के बाद भी हॉस्टल का निर्माण शुरू नहीं

आयुर्वेद कालेज में पढ़नी छात्राओं के लिए कालेज कैंपस में ही हास्टल की सुविधा देने के लिए शासन ने इसकी मंजूरी देते हुए बजट भी जारी कर दिया। यही नहीं पहली किस्त के रूप में पचास फीसदी बजट कार्यदायी...

बजट जारी होने के बाद भी हॉस्टल का निर्माण शुरू नहीं
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतSat, 21 Sep 2019 01:59 AM
ऐप पर पढ़ें

आयुर्वेद कालेज में पढ़नी छात्राओं के लिए कालेज कैंपस में ही हास्टल की सुविधा देने के लिए शासन ने इसकी मंजूरी देते हुए बजट भी जारी कर दिया। यही नहीं पहली किस्त के रूप में पचास फीसदी बजट कार्यदायी संस्था को भेज भी दिया है। इसके बाद भी अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।

निर्माण कार्य शुरू न होने से छात्राओं को हास्टल की सुविधा कब मिल सकेगी कुछ कहा नहीं जा सकता है। आयुर्वद कालेज में दूर दराज के छात्रों के अलावा छात्राएं भी यहां रहकर शिक्षा ले रही है। इनके लिए कालेज में हास्टल नहीं बना है। हास्टल न होने से छात्राएं किराए पर रहती है और कालेज आती है। छात्राओं की समस्याओं को देखते हुए शासन स्तर से यहां के लिए हास्टल की पूर्व में मंजूरी मिली थी। मंजूरी मिलने के बाद जमीन का भी चयन हो गया था और इसके लिए शासन ने 470 लाख 32 हजार रुपए का बजट भी मंजूर हो गया था। बजट मंजूर होने के बाद हास्टल के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था यूपी सिडको को जिम्मेदारी मिली थी। शासन ने संस्था को कुल बजट का पचास फीसदी दे भी दिया। इतना सब होने के बाद भी कालेज में हास्टल निर्माण के नाम पर कोई काम शुरू नहीं हो सका है। काम शुरू न होने से छात्राओं को हास्टल की सुविधा दूर की कौड़ी साबित हो रहा है।...पुराने हास्टल को तोड़कर होगा निर्माणआयुर्वेद कालेज में जहां पर छात्राओं के लिए हास्टल को निर्माण होना है वहां पर अभी पुरान हास्टल बना हुआ है जो खंडहर हो चुका है। इसर खंडहर को तोड़कर नया निर्माण होगा। पुराने हास्टल को तोड़कर उसके मलबे की नीलामी कराई जाएगी। शासन के निर्देश के अनुसार पुराने भवन का आकलन लोक निर्माण विभाग के स्तर से होगा। इसके लिए पत्र भी भेजा गया। संबंधित विभाग ने अभी इसका आकलन ही नहीं किया। यही कारण है कि हास्टल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका है।

हास्टल के लिए पचास फीसदी बजट यूपी सिडको संस्था को मिल चुका है। अब लोक निर्माण विभाग को पुराने भवन का आकलन करना है। आकलन के बाद इसे तोडकर बनाया जाएगा।

डा. आरके तिवारी, प्रचार्यआयुर्वेद कालेज, पीलीभीत

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें