दिसंबर माह के पहला दिन बुधवार सबसे ठंडा रहा। दिन भर सूर्य देवता भी आसमान में लूका छिपी खेलते रहे। हल्की धूप होने के कारण लोगों को राहत नहीं मिल सकी। कई दिनों से जहां धूप लोगों को ठंड से राहत देती रही और रात में कोहरा भी नहीं था। वहीं बुधवार को दिन में चली शीतलहर से लोग कांप उठे।
सुबह हुए हल्के कोहरे के कारण वाहन चालकों के पहिए भी थम से गए थे। सरकारी दफ्तरों से लेकर प्राइवेट संस्थाओं में भी ठंड का असर देखा गया। हर जगह कामकाज थोड़ा सा प्रभावित रहा। सरकारी अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के बाहर मरीज हाथ तापते रहे। वहीं शहर की सड़कों पर भी लोग कूड़ा करकट जलाकर हाथ तापते नजर आए। बुधवार को अधिकतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस से नौ डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया। वर्फीली हवा और हल्का कोहरा तराई वासियों पर कहर बरसाने का काम शुरु कर दिया है। हल्की ठंडी हवाएं चलने से लोग गर्म कपड़ों से लिपटी देखे गए। दोपहिया, थ्री व्हीलर और मैजिक से सफर करने वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा समस्या रही। मुंह पर कपड़ा बांधने के बाद भी लोगों को ठंड से राहत नहीं मिल सकी। हल्का कोहरा होने के कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार भी धीमी रही।
ठिठुरते दिखे गरीब नहीं दिखी अलाव की व्यवस्था : बुधवार को अचानक मौसम का रूख बदलने के कारण जिला और नगर पालिका प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों अलाव की व्यवस्था कराए जाने के दावे फेल हो रहे है। शहर के छतरी चौराहा, नौगवां, गौहनिया, सुनगढ़ी आदि प्रमुख स्थानों पर अलाव व्यवस्था नहीं दिखी। कूड़ा करकट जलाकर ही लोगों को राहत मिल सकी।