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भ्रष्टाचार के आरोपों में फिर निलंबित हुए बीएसए दफ्तर के बाबू

बीएसए कार्यालय में बीएसए और स्टाफ के बीच चल रहे विवाद की गाज कार्यालय के प्रधान लिपिक पर गिर गई है। प्रधान लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर एडी बेसिक और बीएसए ने जांच आख्या शासन को भेजी थी। इस...

भ्रष्टाचार के आरोपों में फिर निलंबित हुए बीएसए दफ्तर के बाबू
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतThu, 16 Nov 2017 06:48 PM
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बीएसए कार्यालय में बीएसए और स्टाफ के बीच चल रहे विवाद की गाज कार्यालय के प्रधान लिपिक पर गिर गई है। प्रधान लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर एडी बेसिक और बीएसए ने जांच आख्या शासन को भेजी थी। इस जांच आख्या पर ही शासन से लिपिक के निलंबन का आदेश बीएसए कार्यालय पहुंचा है। निलंबन के दौरान लिपिक को जेडी कार्यालय मुरादाबाद से अटैच किया गया है।

बीएसए डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही उनके और स्टाफ के बीच विवाद शुरू हो गया था। कर्मचारियों ने बीएसए के भ्रष्टाचार की शिकायतें प्रशासन से लेकर शासन तक से की थी। कर्मचारियों की ओर से यह शिकायत पोर्टल पर दर्ज कराई गई थी। इस पर शिकायत की जांच अलग-अलग चरणों में सीडीओ, एडी बेसिक से लेकर एसडीएम तक को सौंपी गई। बीएसए और स्टाफ के बीच शुरू हुए विवाद में कार्यालय के प्रधान लिपिक संजय सिंह को ही अगुवाकार माना गया। इस पर संजय सिंह को बीएसए कार्यालय से हटाकर कलक्ट्रेट से अटैच कर दिया गया। इसी बीच संजय सिंह के भ्रष्टाचार की शिकायतें भी शासन तक पहुंचीं। इन्हीं शिकायतों पर शासन ने बीएसए और एडी बेसिक से जांच रिपोर्ट मांगी थी।

दोनों अधिकारियों की जांच आख्या पर ही शासन से संजय सिंह का निलंबन आदेश बीएसए कार्यालय पहुंचा है। यह निलंबन अपर शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय के अनुमोदन पर सहायक शिक्षा निदेशक की ओर से भेजा गया है। निलंबन के दौरान संजय सिंह को मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक मुरादाबाद से संबद्ध किया गया है। इस मामले में आगे की जांच के लिए उप शिक्षा निदेशक (विज्ञान) को नामित किया गया है। संजय सिंह इससे पहले भी बीते वर्ष निलंबित हुए थे। इस संबंध में बीएसए डा. इन्द्रजीत प्रजापति ने बताया कि संजय सिंह का निलंबन आदेश शासन से मिला है।

प्रधान लिपिक संजय सिंह जिन गंभीर आरोपों में निलंबित हुए हैं उनमें उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति में डिस्पैच रजिस्टर में गड़बड़ी करना, नियम विरुद्ध तरीके से फर्जी नियुक्ति आदेश निर्गत करने, उन्हें कार्यभार ग्रहण कराने, उनके वेतन आहरण के आदेश जारी कराने, फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र के आधार पर उर्दू शिक्षक की विकलांग कोटे में नियुक्ति कराने, मिलीभगत से अर्शी और अन्य की अनुदेशक के पद पर अमान्य विकलांग प्रमाण पत्र के साथ ही अभिलेखों में हेराफेरी कर गलत नियुक्ति कराने, मृतक आश्रित में लिपिक पद पर विक्रम सिंह को नियुक्त करने संबंधी मूल पत्रावलियां मांगने पर भी बीएसए को उपलब्ध नहीं कराने, बैकलाग कोटे के अंतर्गत प्रमोशन पाए शिक्षकों को कोर्ट के आदेश पर भी उन्हें प्रत्यावर्तित करने में कोई कार्रवाई नहीं करने, मृतक आश्रित कोटे में अनियमित तरीके से सीमा मिश्रा की चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति कराने के आरोप शामिल हैं।

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