पूरनपुर। हिन्दुस्तान संवाद
शिकायतों के बावजूद समस्या का समाधान न होने पर किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने मंडी के सामने रोड जाम लगाकर जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध जताया। किसानों को समझाने में पुलिस प्रशासन के पसीने छूट गए। निर्दोष लोगों को जेल भेजने और धान तुलवाने सहित अन्य समस्याओं का प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया। समस्या के समाधान की बात बोल किसानों का गुस्सा शांत हुआ। लगभग एक घंटे बाद रोड से धरना हटाया गया।
गुरुवार को भारतीय किसान मजदूर यूनियन और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्या को लेकर मंडी गेट पर सामूहिक धरना दिया। सरकारी क्रय केंद्रों पर धान खरीद में मनमानी बरतने पर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कड़ी नाराजगी जताई। धान तोल के नाम पर किसानों का उत्पीड़न करने की बात कही गई। भाकिमयू जिलाध्यक्ष मनप्रीत सिंह ने कहा प्रशासन शिकायत के बाद लगातार किसानों को लॉलीपॉप दे रहा है। समस्या का समाधान करने की जगह क्रय केंद्र प्रभारियों का पक्ष लिया जा रहा है। उगाही की शिकायत के बावजूद एसडीएम आरोपी पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिला प्रमुख सुखजीत सिंह ने कहा किसानों का उत्पीड़न किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जिलाधिकारी की तारीफ करते हुए स्थानीय अधिकारियों पर कड़ा निशाना साधा। इसके बाद नाराज कार्यकर्ताओं ने मंडी के सामने माधोटांडा पूरनपुर रोड पर जाम लगाकर बैठ गए। मौके पर मौजूद एसडीएम राजेंद्र प्रसाद और सीओ प्रमोद कुमार यादव काफी देर तक किसानों को समझाते रहे लेकिन नाराज किसानों ने अधिकारियों की एक बात न सुनी। किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने चार दिन पहले मंडी से निर्दोष किसानों को जेल भेजने पर नाराजगी जताई। इस पर अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिलाया। लगभग एक घंटे तक सड़क पर जाम होने के चलते दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। जल्द समस्या के समाधान की बात पर किसानों ने सड़क से जाम हटाया। दोनों यूनियन के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि सरकार द्वारा लिए गए तीनों अध्यादेश वापस लिए जाएं, साठ साल से ऊपर किसानों को 5000 की मासिक पेंशन दिलाने, पराली का समस्या का समाधान करने, सिंचाई के लिए नलकूप कनेक्शन में छूट देने सहित सात बिंदुओं की मांग की है। इस मौके पर अवतार सिंह, गुरप्रीत सिंह, मनजीत सिंह, अनंत अग्रवाल, सतनाम सिंह, सुखविंदर सिंह, कुलविंदर सिंह, दविंदर सिंह, जुल्फिकार अली, सिकंदर अली सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।