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अवैध कटान में अब हरीपुर रेंजर पर हुई कार्रवाई

हरीपुर रेंज में अवैध कटान के मामले में रेंजर की भूमिका संदिग्ध होने पर आखिर गर्दन उनकी भी फंस गई। उपनिदेशक ने रेंजर को यहां से हटाने और मामले में कार्रवाई की संस्तुति कर रिपोर्ट शासन के अलावा...

अवैध कटान में अब हरीपुर रेंजर पर हुई कार्रवाई
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतSat, 08 Jun 2019 06:42 PM
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हरीपुर रेंज में अवैध कटान के मामले में रेंजर की भूमिका संदिग्ध होने पर आखिर गर्दन उनकी भी फंस गई। उपनिदेशक ने रेंजर को यहां से हटाने और मामले में कार्रवाई की संस्तुति कर रिपोर्ट शासन के अलावा उच्चाधिकारियों को भेजी है। अवैध कटान के मामले में वन दरोगा और वन रक्षक को पहले ही निलंबित किया जा चुका है जबकि दो वाचरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। अभी इसमें अन्य लोगों की संलिप्ता की जांच कराई जा रही है।

हरीपुर रेंज के तीन कंपार्टमेंट में वन कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते साल और शीशम के अलावा अन्य प्रजाति के पेड़ों का अवैध कटान हो रहा था। इसका करीब चार दिन पहले खुलासा हुआ तो डीडी आदर्श कुमार ने खुद जांच शुरू कर दी थी। जांच के दौरान अवैध कटान में वन कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही थी। इसके साथ ही अवैध कटान करने वालों की शिनाख्त शुरू हो गई थी। तस्करों का साथ देने में डीडी के आदेश पर सेक्शन प्रभारी राजेन्द्र कुमार ने दो वन वाचर नूर हसन और सियाराम सहित नौ अन्य लोगों के खिलाफ कोतवाली पूरनपुर में मुकदमा दर्ज कराया था। सेक्शन प्रभारी इस कार्रवाई के बाद भी खुद को बचा नहीं सके और कहीं न कहीं तस्करों से उनकी संलिप्ता उजागर हो गई थी। इस पर एफडी ने वन दरोगा राजेन्द्र को निलंबित कर दिया जबकि डीडी ने वन रक्षक रामप्रकाश को निलंबित किया था। जांच के दौरान कहीं न कहीं रेंजर की मिलीभगत होने की संभावना जताते हुए कार्रवाई तय मानी जा रही थी। तीन दिन की जांच के बाद रेंजर भी इस मामले में संलिप्त पाए। संलिप्ता होने पर डीडी आदर्श कुमार ने अब रेंजर राजकुमार की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए उनको हटाने की संस्तुति की है। संस्तुति की रिपोर्ट शासन और वन विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजी गई है।अवैध कटान में अब तक हुई इतनी बड़ी कार्रवाई से टाइगर रिजर्व की सभी रेंजों के स्टाफ में हड़कंप मचा हुआ है।

बराही में भी मिलीभगत से सक्रिय हैं तस्कर

हरीपुर रेंज में लकड़ी के अवैध कटान का खुलासा होने के बाद कर्मचारियों की मिलीभगत का राज तो खुल गया, लेकिन बराही रेंज भी इससे कम नहीं है। बराही में भी लकड़ी के अलावा जंगल के बीच तालाबों में मछली का अवैध रूप से ठेका कर्मचारियों की मनमानी से होता है। यह ठेका नेपाल सीमा तक टाइगर रिजर्व के जंगल में रेंज से ही तय हो जाता और बदले में मोटी रकम को ठिकाने लगा दिया जाता। मछली का ठेका होने के साथ ही कर्मचारियों की मिलीभगत जंगल की जमीन पर ठेका कराकर फसल कराई जा रही। यही नहीं कुछ कर्मचारी जमीन पर अवैध कब्जा कराने से भी नहीं चूक रहे। हरीपुर के बाद अब बराही में भी यदि गोपनीय ढंग से जांच कराई जाए तो यहां भी कर्मचारियों की गर्दन फंस सकती है।

अवैध कटान के मामले में वन दरोगा और वन रक्षक पर कार्रवाई के बाद अब रेंजर पर भी कार्रवाई अमल में लाई गई है। रेंजर को यहां से हटाने की संस्तुति कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। अभी अवैध कटान के मामले में जांच चल रही है।

आदर्श कुमार, उपनिदेशक

पीलीभीत टाइगर रिजर्व

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