हादसा या फिर शिकारियों के फंदे से गई जान, पड़ताल में जुटी टीम
हरदोई ब्रांच नहर में मिले बाघ के शव को लेकर भले ही अधिकारी पोस्टमार्टम में मिली जानकारी के आधार पर हादसे में चोट आना मान रहे है पर इसमें जांच के तमाम पहलुओं को लेकर भी चल रहे हैं। केस काटने के बाद...
हरदोई ब्रांच नहर में मिले बाघ के शव को लेकर भले ही अधिकारी पोस्टमार्टम में मिली जानकारी के आधार पर हादसे में चोट आना मान रहे है पर इसमें जांच के तमाम पहलुओं को लेकर भी चल रहे हैं। केस काटने के बाद मौत या फिर शिकारियो के फंदे से हादसा होना मानकर जांच शुरू कर दी गई है। जांच अधिकारी ने घटना स्थल पर जाकर बारीकी से साक्ष्यों को जुटाने की कोशिश की यही नहीं नहर पटरी पर भी टीम आंकलन कर रही है।
23 सितंबर की रात पूरनपुर सामाजिक वानिकी रेंज के तहत हरदोई ब्रांच नहर से वन विभाग ने बाघ का शव बरामद किया था। शव को मौके से हटाकर दूसरे दिन सुबह पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। घटना की जानकारी अगले दिन सार्वजनिक हो सकी थी। यही नहीं बाघ के शव की तस्वीरें तक इस बार वायरल नहीं हुए। पोस्टमार्टम की जानकारी होने के बाद अधिकारियो ने बाघ के एक पैर और पेट में चोट होना बताया था। तर्क दिया था कि किसी वाहन के टकराने से चोट लग सकती है। चोट का यह कारण जहां लोगों को हजम नहीं हो पा रहा तो अधिकारी भी इससे संतुष्ट नहीं हैं। मामले में पूरनपुर रेंज में केस काटा गया तो तय हो गया कि इसे हादसे की नजर से नहीं देखा जा रहा है। पूरे मामले से पर्दा उठाने के लिए एसडीओ डा. हेमंत सेठ को जांच सौंपी गई है। जांच में अफसरों ने स्पष्ट रिपोर्ट मांगी है। चर्चा है कि जांच के दायरे में पुराने शिकारी भी आ सकते हैं। घटना की पूरी पड़ताल में लगे जांच अधिकारी ने घटना स्थल पर जाकर साक्ष्यों को खोजा। नहर पटरी और आसपास के खेतों में भी संदिग्ध वस्तुओं की तलाश की जा रही है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व भी कर रहा खोजबीन
सामाजिक वानिकी की ओर से जांच शुरू होने के साथ ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व भी इस मामले की जांच कर रहा है। तीन रेंजों की टीम को लगाया गया। घटना स्थल से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर दियूरिया रेंज का जंगल होने के कारण बाघ कई सवाल छोड़ गया है।
बाघ की मौत में केस काटा गया है। एसडीओ को जांच अधिकारी बनाया गया है। मौत के कारणों को लेकर हर स्तर से जांच कराई जा रही है। मौके पर जाकर संदिग्ध वस्तुओं की तलाश भी की जा रही है।
-संजीव कुमार, डीएफओसामाजिक वानिकी प्रभाग