लखनऊ में मरीजों को भर्ती के लिए नहीं पड़ेगा भटकना, शहीद पथ पर बनेगा 1000 बेड का अस्पताल
राजधानी लखनऊ में मरीजों को भर्ती के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। शहीद पथ पर 1000 बेड का अस्पताल बनेगा। शासी निकाय की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। दिसंबर में भवन निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
लखनऊ में लोहिया संस्थान में आने वाले दिनों में मरीजों को भर्ती के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। मरीजों को आसानी से बेड मिल सकेगा। इसके लिए संस्थान प्रशासन शहीद पथ स्थित मातृ शिशु रेफरल हॉस्पिटल के सामने 20 एकड भूमि पर 1000 बेड का अस्पताल बनाएगा। मंगलवार को शासी निकाय की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। दिसंबर में भवन निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
अभी लोहिया संस्थान में करीब 1300 बेड हैं। ज्यादातर बेड हमेशा भरे रहते हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। मरीजों की दुश्वारियों को दूर करने के लिए संस्थान प्रशासन ने 1000 बेड का नया अस्पताल बनाने का फैसला किया। इसका प्रस्ताव मंगलवार को संस्थान की 40 वीं शासी निकाय की बैठक में रखा गया। संस्थान के अध्यक्ष व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में लोक भवन बैठक हुई।
संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि मातृ शिशु रेफरल हॉस्पिटल के सामने 20 एकड़ भूमि है। इस भूमि के कुछ हिस्से पर 750 करोड़ रुपये की लागत से बहुमंजिला इमारत बनाई जाएगी। इसमें करीब 1000 बेड होंगे। इसमें क्लीनिक हीमैटोलॉजी, नेत्र, ईएनटी, स्किन, मानसिक, जनरल सर्जरी, जेनेटिक्स समेत दूसरे विभागों का संचालन किया जाएगा। मरीजों की भर्ती में आसानी होगी।
100 करोड़ से टीचिंग ब्लॉक बनेगा
निदेशक ने बताया कि संस्थान में शिक्षण कार्यों के लिए और बेहतर माहौल बनाया जाएगा। इसके लिए 100 करोड़ की लागत से टीचिंग ब्लॉक बनाया जाएगा। यह भी शहीद पथ कैंपस का हिस्सा होगा। इससे एमबीबीएस, पीजीआई, नर्सिंग, सुपर स्पेशियालिटी व दूसरे पैरामेडिकल कोर्स को रफ्तार मिलेगी। शोध कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
डॉक्टर कर्मचारियों को नई पेंशन योजना का लाभ
संस्थान में कार्यरत नियमित डॉक्टर-कर्मचारियों को नई पेंशन योजना का रिटायरमेंट पर लाभ प्रदान किया जाएगा। मृत्यु के बाद व सेवाकाल के दौरान मृत्यु, विकलांगता, बीमारी व चोट के कारण रिटायरमेंट की दशा में नए दिशा निर्देश दिए गए हैं। इन सभी दशा में लाभ के देय लाभा संबंधी प्रस्तावों को चिकित्सा शिक्षा विभाग के माध्यम से वित्त विभाग को भेजा जाएगा। संस्थान में गैर-शैक्षणिक विशेषज्ञों के मानदेय को बढ़ाने की मंजूरी भी प्रदान की गई है।
इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी
-हड्डी के मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए बोन बैंक बनाया जाएगा। डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि ढाई करोड़ रुपये की लागत से बोन बैंक स्थापित किया जाएगा। इसमें हड्डियां सुरक्षित रखी जाएगी। ताकि जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके।
-स्किल इनोवेशन एवं सिमुलेशन सेंटर की स्थापना होगी
-11 पीडीसीसीस व तीन पीडीएफ कोर्सेज को शुरू करने को मंजूरी दी गई है। साथ ही संस्थान में संचालित पीडीसीसी व पीडीएफ कोर्सेज के लिए विद्या परिषद से अनुमोदित नियमों को मंजूरी दी गई।
-संस्थान में स्ववित्तपोषित मोड में पीएचडी कराई जाएगी। जिसमें दाखिले के लिए परीक्षा व साक्षात्कार लिया जाएगा। इसमें पास होने वालों को ही दाखिला मिलेगा
-संस्थान में क्लीनिकल रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए अगले तीन वर्षों के लिये संस्थान की नैतिक समिति के समक्ष जमा कराई में फीस में छूट दी जाएगी।
बैठक में ये अधिकारी शामिल हुए
शासी निकाय की बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा, चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजीव मिश्र, स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. ब्रजेश राठौर, लोहिया के निदेशक डॉ. सीएम सिंह, समीर वर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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