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बनकर तैयार न्यू पीएचसी पर लटक रहा ताला, लौट रहे मरीज

टेकुआटार। हिन्दुस्तान संवाद रामकोला ब्लॉक के टेकुआटर में बनकर तैयार न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र...

बनकर तैयार न्यू पीएचसी पर लटक रहा ताला, लौट रहे मरीज
हिन्दुस्तान टीम,पडरौनाWed, 02 Jun 2021 05:01 AM
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टेकुआटार। हिन्दुस्तान संवाद

रामकोला ब्लॉक के टेकुआटर में बनकर तैयार न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटक रहा है। इससे क्षेत्र के लोगों का इस अस्पताल पर उपचार नहीं हो पा रहा है। कोरोना महामारी के दौरान भी अस्पताल बंद होने के कारण मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। लोग अस्पताल गेट पर ताला देख वापस लौट जा रहे हैं।

टेकुआटर अस्पताल से करीब 50 गांवों के लोग जुड़े हुए हैं। इन गांवों में रहने वाले करीब 35 हजार लोगों को इसी अस्पताल से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकती हैं। लेकिन बनकर तैयार इस न्यू पीएचसी पर ताला लटकने की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। दूरी तय कर इलाके के लोग रामकोला या कसया सीएचसी पर पहुंच उपचार करा रहे हैं। इससे समय और किराया दोनों खर्च हो रहा है। सिधावे निवासी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि अस्पताल पर कोई विशेष सुविधा नहीं है। इस समय डॉक्टर की मौजूदगी न होने के कारण सामान्य बीमारियों का इलाज भी नहीं हो पा रहा है। संबंधित अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। खैरेटवा निवासी कौलेश प्रसाद ने बताया कि अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव है। गर्मी के मौसम में पीने के लिए शुद्ध पानी तक अस्पताल में नहीं है। लोग इलाज के लिए यहां आते हैं तो पता चलता है कि ताला बंद है। इससे मजबूर होकर लोग यहां से लौट जाते हैं। हरिहरपट्टी के जितेन्द्र मद्धेशिया ने बताया कि आज तक इस अस्पताल में कोई चिकित्सक नहीं आया है। अस्पताल के कर्मचारी भी कोई जानकारी नहीं देते हैं। जिस समय लोगों को अस्पताल की ज्यादा जरूरत है, उस समय भी अस्पताल बंद पड़ा है। कुट्टीटोला के उपेंद्र पांडेय का कहना था कि अस्पताल बंद होने से गरीब मरीजों को झोलाछाप डॉक्टर की शरण में जाकर अपना उपचार कराना पड़ता है। अगर इस समय यह अस्पताल चालू हालत में होता तो टीकाकरण के लिए भी लोगों को आसानी होती।

शुद्ध पेयजल के लिए तरसते हैं लोग

अस्पताल बनने के समय शुद्ध पेयजल के लिए बड़ी टंकी लगाई गई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही वह टंकी क्षतिग्रस्त हो गई। परिसर में एक इंडिया मार्का हैंडपंप लगा है, जो दूषित जल देता है। यहां पहुंचने वाले लोग बाजार से पानी खरीदने को मजबूर हैं। बिजली की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। पॉवर सप्लाई न रहने पर पूरा अस्पताल परिसर अंधेरे में डूब जाता है। बिजली की समुचित व्यवस्था न होने के कारण यहां कोई काम भी नहीं हो पाता है। अस्पताल में चिकित्सक का आवास जरूरी होता है, लेकिन वह भी यहां नहीं है। डॉक्टरों के न आने की एक यह भी वजह है।

अस्पताल का लैब नहीं करता है काम

क्षेत्रीय लोगों के अनुसार अस्पताल के अंदर जांच करने के लिए लैब तो बना है, लेकिन यहां जांच नहीं होती है। सामान्य जांच के लिए भी लोगों को बाजार में जाना पड़ता है। जहां निजी लैब वाले मनमाना रुपया लेते हैं। अस्पताल में बना लैब सिर्फ दिखावा बन कर रह गया है।

टेकुआटार अस्पताल के डॉक्टर की ड्यूटी जिले पर लगाई गई है। फार्मासिस्ट कसया सीएचसी पर अपनी सेवा दे रहे हैं। अस्पताल पर ताला बंद होने की जानकारी नहीं है। जल्द ही न्यू पीएचसी टेकुआटार में टीकाकरण का काम शुरू कराया जाएगा।

डॉ. आनंद प्रकाश गुप्ता, प्रभारी सीएचसी रामकोला

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