
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ पद्म विभूषण छन्नूलाल का अंतिम संस्कार, पोते ने दी मुखाग्नि
संक्षेप: प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पद्म विभूषण पंडित छन्नू लाल मिश्र का गुरुवार की सुबह निधन हो गया। छन्नूलाल ने मिर्जापुर में रहने वाली अपनी बेटी के घर में अंतिम सांस ली। दोपहर में उनका पार्थव शरीर मिर्जापुर से वाराणसी लाया गया, जहां शाम को मर्णिका घाट पर छन्नूलाल को जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पद्म विभूषण पंडित छन्नू लाल मिश्र का गुरुवार की सुबह निधन हो गया। छन्नूलाल ने मिर्जापुर में रहने वाली अपनी बेटी के घर में अंतिम सांस ली। दोपहर में उनका पार्थव शरीर मिर्जापुर से वाराण्सी लाया गया, जहां शाम को मर्णिका घाट पर छन्नूलाल को जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। छन्नूलाल को उनके पोते राहुल मिश्र ने मुखाग्नि दी। वाराणसी के मशहूर सितार वादक पद्मश्री पंडित शिवनाथ मिश्र के पुत्र पंडित देवव्रत मिश्रा ने कहा कि पंडित छन्नू लाल मिश्र का निधन संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है।

उन्होंने बताया कि पंडित छन्नू लाल मिश्र मूलतः आजमगढ़ के हरिहरपुर के रहने वाले थे। वहां से वाराणसी आकर उन्होंने अपनी संगीत साधना को आगे बढ़ाया और इस आध्यात्मिक नगरी को अपनी कर्मस्थली बनाया। मिश्र ने बताया कि पंडित छन्नू लाल मिश्र बनारस के ठुमरी सहित सम्पूर्ण गायकी को ना केवल आगे बढ़ाया बल्कि एक अलग मुकाम पर पहुंचाया। उन्होंने वाराणसी में कई बड़े कलाकारों के बीच अपना स्थान बनाया। उनका गाया 'खेले मसाने में होली' गीत आज भी पूरी दुनिया में मशहूर है। उन्होंने बताया कि पंडित छन्नू लाल मिश्र को गायकी के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया।
2010 में भूषण और 2020 में मिला था पद्म विभूषण पुरस्कार
2010 में पद्म भूषण और 2020 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था। वाराणसी की मशहूर शास्त्रीय गायिका डॉक्टर मंजू सुंदरम ने बताया 'पंडित छन्नू लाल मिश्र बहुत ही सौम्य और सरल स्वभाव के धनी थे। वह सभी से बहुत प्रेम स्नेह रखते थे। उनकी गायकी, प्रस्तुतीकरण और दर्शकों के साथ जुड़ाव गजब का था। वह लोकगीत को शास्त्रीय रूप से गाते थे।' सुंदरम ने बताया कि वाराणसी के लोकगीतों ठुमरी, चैती, कजरी और होली को मिश्र ने शास्त्रीय रूप दे कर वैश्विक प्रसिद्धि दिलायी। उनका मंच पर आना ही दर्शकों को बहुत लुभाता था। वह गायकी के साथ ही दर्शकों को गीत का अर्थ भी समझाते थे। उनका जाना संगीत गीत विधा के लिए ऐसी क्षति है जिसे भर पाना बहुत मुश्किल है।
पंडित छन्नू लाल मिश्र बनारस घराने और किराना घराना की गायिकी के प्रमुख प्रतिनिधि थे। वर्ष 2000 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2010 में पद्मभूषण और 2020 में पद्मविभूषण से अलंकृत किया गया था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वह वाराणसी संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावक थे। वह पिछले तीन वर्षों से मिर्जापुर में महंत शिवाला स्थित अपनी बेटी डॉ. नम्रता मिश्र के आवास पर रह रहे थे।





