ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश उरईग्रामीण क्षेत्रों में उज्ज्वला योजना तोड़ रही दम , लकड़ियों का होने लगा स्टॉक

ग्रामीण क्षेत्रों में उज्ज्वला योजना तोड़ रही दम , लकड़ियों का होने लगा स्टॉक

आटा। संवाददाता ठंड व गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने लगातार बढ़ने से अब ग्रामीण...

ग्रामीण क्षेत्रों में उज्ज्वला योजना तोड़ रही दम , लकड़ियों का होने लगा स्टॉक
हिन्दुस्तान टीम,उरईMon, 29 Nov 2021 04:40 PM
ऐप पर पढ़ें

आटा। संवाददाता

ठंड व गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने लगातार बढ़ने से अब ग्रामीण क्षेत्रों में लकड़ी का स्टॉक ज्यादातर घरो में होने लगा है। इससे लोग सुबह अलाव जलाकर ठंड दूर करते है तो वही महिलाएं चूल्हा जलाकर खाना भी पका लेती है। महंगाई की वजह से लोग अब पुरानी विधियां अपनाने लगे है।

केंद्र सरकार की उज्जलवा योजना अब ग्रामीण क्षेत्रों में पहले तो तेजी लाई थी पर अब ग्रामीण फिर से धुंए वाले चूल्हे पर आ गए है। इसका कारण बीते महीनों गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब व मीडियम परिवार के लोगो के सामने दिक्कत खड़ी हो गई थी और अब बढ़ती ठंड से अलाव जलाने के लिए लकड़िया भी नहीं थी। इन दोनों समस्याओं से निपटने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं ने जंगल से लकड़िया काटकर घर में स्टॉक कर लिया। महिलाओं ने बताया कि दो दिन में एक बार जंगल जाते है और एक गठ्ठा लकड़ी का लाते है, जो दो तीन दिन तक चल जाता है। इससे सुबह की ठंड भी मिट जाती है और खाना भी चूल्हे पर बन जाता है।

गैस सिलेंडर तो अब ईमरजेंसी के लिए घर में रखा रहता है कि जिस दिन बारिश हो गई और लकड़ी भी खत्म हो गई तो उस पर भोजन पका लिया। वैसे अगर इस बढ़ती महंगाई पर गैस का रोज इस्तेमाल करेंगे तो एक महीने में ही सिलेंडर खत्म हो जाएगा और उसे दुबारा भराने के लिए हमारे पास बजट नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में सबसे बढ़िया चूल्हा है इस पर खाना भी बनता है और अलाव भी जलता है।

लकड़ी से होती है सिलेंडर की बचत

आटा। ग्रामीण क्षेत्र की महिला विमला देवी ने बताया कि सर्दी के मौसम में आग का काम ज्यादा रहता है , ऐसे में हर महीने सिलेंडर भराना उन लोगों के लिए मुश्किल रहता है ऐसे में लकड़ी ही उनके लिए अच्छा उपाय रहता है।

महंगाई में किया मजबूर

आटा। महिला बट्टिी देवी ने बताया कि दिन-ब-दिन सिलेंडर के दाम बढ़ रहे हैं और आय का सोत्र बढ़ नहीं रहा। ऐसे में सिलेंडर भराना उनके लिए बहुत बड़ी बात है। दो-तीन दिन में जंगल जाकर लकड़ी लाते लाते हैं जिससे कई दिन तक गुजारा होता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें