अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु : अक्षयानन्द
Orai News - टरननगंज के सर्वोदय शिक्षण संस्थान में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के 5वें दिन अक्षयानन्द महाराज ने कर्तव्य पालन का महत्व बताया। उन्होंने दुर्योधन और अश्वत्थामा की कहानी के माध्यम से कहा कि अहंकार से दूर...

टरननगंज स्थित सर्वोदय शिक्षण संस्थान एवं एसपी बालिका इंटर कॉलेज में कॉलेज के संस्थापक स्व सुखनन्दन लाल दीक्षित की स्मृति में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के 5वें दिन अक्षयानन्द महाराज ने बताया जो कर्तव्य का पालन करता है वह भगवति प्राप्त करता है। राजा व प्रजा, माता-पिता, बेटा, डाक्टर, शिक्षक सभी कर्तव्यों का पालन करें तभी उनका अन्ताकरण निर्मल होगा। बताया जब भीम ने दुर्योधन की जंगा तोड़ दी तो वह मृत्यु शैया पर लेटे थे, उसी समय द्रोण पुत्र अश्वत्थामा आये कहा मुझे सेना पति नहीं बनाया आज पांडवव जीवित न होते। दुर्योधन ने अश्वत्थामा का खून से तिलक किया। अश्वत्थामा ने कहा मैं पाण्डवों का वध करुंगा, वह खोज में निकल पड़ा और पांडवों के कैंप में गया रात में पांडवों के पांच पुत्र चादर ओढे सो रहे थे, अश्वत्थामा ने पांडव समझ पांचों सिर अलग कर दुर्योधन के पास पहुंचा बताया मैने पाण्डवों को मार डाला, जब सिर को देखा तो वह पांडव पुत्र थे, दुर्योधन ने कहा यह तुमने क्या किया तुमने परिवार नष्ट कर दिया। इसके बाद राजा परीक्षित की कथा सुनाने के बाद कहा कि मनुष्य को अहंकार नही करना चाहिए। अहंकार मनुष्य का ज्ञान हरण कर लेता है। मनुष्य को कर्म करना चाहिए जिससे भगवत प्राप्ति होती है।
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