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बोले उरई: उम्र नहीं अफसरों की उपेक्षा से हार रहे हम

Orai News - उरई में 14 हजार सेवानिवृत्त पेंशनरों को पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद पूर्व सहकर्मियों के असहयोग और समस्याओं के निस्तारण के लिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, उरईThu, 27 Feb 2025 06:26 PM
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बोले उरई: उम्र नहीं अफसरों की उपेक्षा से हार रहे हम

उरई। सेवानिवृत्ति के बाद केवल हमारी दिनचर्या ही नहीं बदलती बल्कि उन लोगों का व्यवहार भी बदल जाता है, जिनके साथ हमने काम करते हुए वर्षों बिता दिए। रिटायरमेंट जीवन का सबसे अहम पड़ाव है, लेकिन इससे भी अधिक कष्टप्रद पूर्व सहकर्मियों का असहयोग होता है। तभी तो हम पेंशन के लिए उसी चौखट के चक्कर काटते हैं, जहां कभी ठाठ से बैठकर अपनी सेवाएं देते रहे। अफसर अनजानों की तरह बर्ताव करते हैं। दो दिन तो कभी दो हफ्ते बाद आने के लिए कहकर टरका दिया जाता है। पेंशनरों के पास अपनी पीड़ा सुनाने के लिए कोई प्लेटफार्म नहीं है। इनकी समस्याएं सुनने के लिए न तो हेल्प डेस्क है और न ही नोडल अफसर। दोहरे टैक्स, ग्रेच्युटी, पेंशन, जीपीएफ और चिकित्सा प्रतिपूर्ति का समय से भुगतान न होने पर दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। 60 साल तक विभागों की जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठाने के बाद भी जिले के करीब 14 हजार पेंशनर अपनी दिक्कतें सुलझाने के लिए परेशान हैं। अखिलेश शर्मा ने कहा कि पूरे जीवन नौकरी करने के बाद पेंशन के लाभ के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। बुढ़ापे में जो पेंशन उनका सहारा बन सकती है, आज उसके न मिलने से विकट परिस्थितियों की दहलीज पर खड़े हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान पेंशनरों ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि हम अपनी उम्र से नहीं बल्कि अफसरों की उपेक्षा से हार रहे हैं।

दशकों तक जिले के विभिन्न विभागों में सेवाएं दे चुके 14 हजार पेंशनरों के सामने तमाम समस्याए हैं। प्रहलाद ने बताया कि बुढ़ापे में समस्याओं के निस्तारण को लेकर विभागों में भटकना अखरता है। मांगों को लेकर लगातार की जा रही जद्दोजहद के बाद कुछ मांगे पूरी हुई हैं तो कुछ अभी भी बरकरार हैं। खुद के लिए अलग से भवन की व्यवस्था न होने के कारण राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद कार्यालय को पेंशनर ने अस्थाई कार्यालय बनाया है। पेंशनर की हर विभाग में हेल्प डेस्क बनाने के साथ ही मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में अलग से पर्चा काउंटर बनाने और ओपीडी में कैशलैस इलाज जैसी कई मांगे अभी भी लंबित हैं।

सेवानिवृत कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष हरगोविंद दयाल श्रीवास्तव ने बताया कि कई समस्याओं को लेकर विभागों में परेशान होना पड़ता है। ऐसे में प्रत्येक विभाग में हेल्प डेस्क बनाए जाने की आवश्यकता है। साथ ही मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला अस्पताल में पर्चा काउंटर पर उमड़ने वाली भीड़ में बुजुर्गों को परेशानी होती है। अस्पताल की लाइन में खड़े होकर घुटने दर्द करने लगते हैं। इसलिए पेंशनर के लिए अस्पतालों में अलग से काउंटर खोले जाएं। विकास विभाग से रिटायर अपर जिला मंत्री हरिराम ओमरे का कहना है कि कैशलेस व्यवस्था में भर्ती होने पर ही यह सुविधा मिलती है ऐसे में ओपीडी सेवाओं को भी इसमें शामिल करना चाहिए। इसमें सरकारी और निजी अस्पतालों को निर्देशित करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही हार्टअटैक, कैंसर, नाक-कान गला, डायबिटीज जैसी बीमारियों को भी इसमें शामिल किया जाए, जिससे पेंशनर को राहत मिल सके। जिला स्तर पर बनाई जाए पेंशनर सलाहकार समिति: पेंशनर की समस्याओं के निस्तारण के लिए जिला स्तर पर पेंशनर सलाहकार समिति बनाई जानी चाहिए। इसकी त्रैमासिक बैठक की जाए, जिससे पेंशनर अपनी समस्याओं को यहां पर प्रमुखता से उठा सकें। इसके साथ ही आयकर कटौती को भी बंद किया जाए। पेंशनरों की बैठक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कराई जाए जिससे उनकी समस्याओं का शीघ्र ही निस्तारण हो सके।

65, 70 और 75 साल पर की जाए पेंशन में वृद्धि : समाज कल्याण विभाग से सेवानिवृत पेंशनर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राम सिंह आजाद ने कहा कि अभी तक 80 वर्ष की आयु में पेंशन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है लेकिन अब 65, 70 और 75 साल की आयु पर क्रमश: 5, 10 एवं 15 फीसदी की पेंशन में वृद्धि की जाए। जिससे लगातार बढ़ती महंगाई के साथ बुजुर्ग तालमेल बैठा सकें, इसके साथ ही रोडवेज बसों और ट्रेनों में यात्रा करने पर टिकट का आधा पैसा लिया जाए, इस व्यवस्था से पेंशनर को बहुत लाभ होगा।

बोले पेंशनर

30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मियों के वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल रहा है।

-नूर मोहम्मद शेख

कर्मचारियों की पेंशन पत्रावलियां शीघ्र भेजी जाएं जिससे उनको भी पेंशन का लाभ प्राप्त हो सके।

- अखिलेश शर्मा

प्रदेश में राजस्व संग्रह अमीनों का पुनरीक्षण हो चुका है लेकिन उरई, कालपी तहसील में काम लंबित है।

- अनिल कुमार

पेंशनरों से आयकर की कटौती बंद की जाए और जिला स्तर की लंबित समस्याओं का निराकरण शीघ्र हो।

- प्रहलाद

पुरानी पेंशन बहाली की जाए और पेंशनर को शासकीय सेवकों जैसी यात्रा सुविधा प्रदान की जाए।

- मोहम्मद यामीन

40 फीसदी राशि की रिकवरी 15 वर्षों में की जाती है,11 वर्षों में भुगतान का आदेश जारी करें।

- मेवालाल

कैशलेस चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ ओपीडी में भी लागू किया जाए, जिससे पेंशनर इलाज करा सकें।

-महेश बौद्ध

पेंशन से संबंधित फाइल पटल पर लंबित न हो। अनावश्यक विलंब पर कार्रवाई की जाए।

- अखिलेश

अस्पतालों में सशुल्क इलाज बाद प्रतिपूर्ति भुगतान में देरी न की जाए। कई बार परेशानी होती है।

- नानक चंद्र

पेंशन जीवन का सहारा है। इस पर आयकर नहीं लगना चाहिए, पेंशनरों को छूट मिले।

- हरगोविंद

पेंशनर के लिए वृद्धा आश्रम की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि वहां समय बिता सकें।

- दयाशंकर शर्मा

सांसद व विधायकों को पुरानी पेंशन दे सकते हैं तो हमारे लिए बहाल करें।

-जयराम कुशवाहा

सुझाव

1. रेलवे और परिवहन निगम की बसों में किराए में छूट का प्रावधान किया जाए।

2. पेंशनरों के लिए थ्री स्टार वृद्धाश्रम का निर्माण हो, जहां पेंशनर अपना कुछ समय गुजार सकें।

3. जिलाधिकारी के साथ आयोजित की जाए पेंशनर की मासिक या त्रैमासिक बैठक।

4. रिटायर के बाद पेंशन में वार्षिक वृद्धि देने से सरकार पर दबाव कम होगा और पेंशनरों को भी लाभ मिलेगा।

5. कैशलेस योजना से जुड़े निजी अस्पतालों के लिए जिला स्तर पर गाइडलाइन जारी होनी चाहिए।

6. पटल पर पेंशनरों की कई दिनों तक समस्याएं लंबित रहती हैं, उनका तत्काल निस्तारण हो।

7. 10 लाख तक पेंशनर को आयकर से किया जाए मुक्त। पेंशनर के लिए वृद्धाश्रम बनाया जाए।

सिकायतें

1. कैशलेस योजना में नहीं है कैंसर, हार्ट अटैक जैसी बीमारी की इलाज की सुविधा।

2. पेंशनर के बेटे की मौत पर उनकी पुत्रवधू को आश्रित नहीं माना जाता है।

3. जिला और प्रदेश स्तर पर पेंशनर सलाहकार समिति है, लेकिन नियमित बैठक नहीं होती है।

4. चिह्नित अस्पतालों में भी पेंशनरों की प्रमुख

बीमारियों का इलाज नहीं हो पाता है।

5. पेंशनरों की समस्या सुनने के लिए कोई अधिकारी या मजिस्ट्रेट नियुक्त नहीं किया गया है।

6. कई रिटायर कर्मचारियों को पेंशन और अन्य

लाभ नहीं दिए जा रहे हैं।

7. पेंशनर दिवस पर ली जाने वाली शिकायतों के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी जाती है।

बोले जिम्मेदार

पेंशनर की समस्याओं के निराकरण के लिए कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम खोला गया है, जहां वह अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। कोषागार में हेल्प डेस्क भी स्थापित की गई है। वहीं सरकारी अस्पतालों में भी अलग से काउंटर की व्यवस्था कराई जाएगी। इसके अलावा अगर पेंशनर को कोई भी समस्या है तो वह दफ्तर में आ कर मिल सकते हैं।

- राजेश कुमार पांडेय, डीएम

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