Bole Orai-शिक्षा की राह में शोहदे, ‘ड्यूटी लगाने की जरूरत
Orai News - उरई की छात्राएं रानी लक्ष्मीबाई और कल्पना चावला जैसी प्रेरणाओं के बावजूद कॉलेज आने में परेशानियों का सामना कर रही हैं। उन्हें शोहदों की फब्तियों और कमेंट्स का सामना करना पड़ रहा है।
उरई, संवाददाता
हम बुंदेली बेटियां हैं जो रानी लक्ष्मीबाई, रानी पद्मावती, दुर्गा-काली को आदर्श मानती हैं और हमें कल्पना चावला, पीटी ऊषा, सानिया मिर्जा, मिताली राज रोमांचित करती हैं, लेकिन इनसे मिलने वाली प्रेरणा और रोमांच हम पर होने वाले कमेंट और फब्तियों के आगे मंद पड़ जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से शहर आने के लिए हमारे लिए सरकारी ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी नहीं है। टेंपो से जैसे-तैसे कॉलेज आते हैं।
शिक्षा के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाओं के अभाव से दो चार होना पड़ रहा है। उरई में कॉलेजों में पढ़ने के लिए दूर दराज से आने वाली छात्राओं को रोज शोहदों के कमेंट और फब्तियों का सामाना करना पड़ता है। छात्रा अग्रिमा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र से शहर आने के लिए हमारे लिए सरकारी ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी नहीं है। कॉलेज आते-जाते समय शोहदे परेशान करते हैं। छात्राओं ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से अपनी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की।
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, श्री गांधी इंटर, गांधी महाविद्यालय, दयानंद वैदिक महाविद्यालय, सनातन धर्म इंटर कॉलेज, डीएवी इंटर कॉलेज की सैकड़ों छात्राएं कॉलेज आते-जाते अपनी सुरक्षा को लेकर भयभीत और चिंतित रहती हैं। सानिया ने कहा कि छात्रों के बीच में छुपे शोहदों की धमा चौकड़ी से हमेशा दहशत में रहती हूं, कई बार तो यह शोहदे लड़कियों का पीछा करते हुए उनके घर तक पहुंच जाते हैं। यहां पुलिस फोर्स की कोई व्यवस्था नहीं है। छात्रा आरोही बताती हैं कि सिर्फ शाम के समय स्टेशन रोड पर एक घंटे के लिए पुलिस फोर्स दिखता है जबकि दिन भर छात्राएं शोहदों की हरकतों से शर्मिंदगी के साथ स्वयं की सुरक्षा को लेकर खौफ में रहती हैं।
छात्रा पिंकी कहती हैं कि जिला प्रशासन से मांग है कि कॉलेज के आसपास कोतवाली से कनेक्ट सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ यहां पर एक अस्थाई पुलिस चौकी खोली जाए। जिसमें महिला पुलिस भी लगातार कॉलेज के समय में फोर्स के साथ उपलब्ध हो तो हमें सुरक्षा को लेकर मन में भय कम रहेगा और आवारा गर्दी करने वाले शोहदों पर लगाम लगेगी। छात्रा आरोही तिवारी कहती हैं कि गांवों से शहर तक आने और फिर जाम में रोजाना जूझने वाली छात्राएं इन समस्याओं से परेशान होती हैं। पैदल चलें,ऑटो रिक्शा से या फिर टैंपो से, उन्हें मालूम है कि समस्या तो झेलनी ही पड़ेगी। बोलीं, कभी-कभी तो कॉलेज की ओर मुड़ना मुश्किल हो जाता है क्योंकि टाउनहॉल, घंटाघर और माहिल तालाब पर भीषण जाम लगता है। 10 मीटर तक की दूरी तय करने में आधा घंटा तक लग जाता है।
जिम्मेदार के बोले
शहर की सभी बेटियों और छात्राओं के साथ-साथ हर महिला की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। रोजाना स्कूल कॉलेज के आसपास और बाजार में पुलिस गश्त करती है। अगर किसी छात्रा, बेटी या महिला को कोई दिक्कत होती है तो वह उनसे फोन पर अपनी समस्या बता सकती हैं या अन्य नंबरों पर सूचना दे सकती हैं।
-अर्चना सिंह,सीओ सीटी उरई
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