उपकोषागार का लॉक तोड़कर किया एक करोड़ का गबन, रिटायर नायब तहसीलदार गिरफ्तार
- 1.05 करोड़ रुपये गबन के आरोपी रिटायर नायब तहसीलदार रामप्रीत यादव को ईओडब्ल्यू वाराणसी की टीम ने अयोध्या स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सुल्तानपुर के कादीपुर तहसील से जनवरी 2020 में रिटायर हुए थे।
1.05 करोड़ रुपये गबन के आरोपी रिटायर नायब तहसीलदार रामप्रीत यादव को ईओडब्ल्यू वाराणसी की टीम ने अयोध्या स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सुल्तानपुर के कादीपुर तहसील से जनवरी 2020 में रिटायर हुए थे। आरोप है कि उपकोषागार का लॉक तोड़कर रुपये उड़ा दिए गए थे। धनराशि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के लिए शासन से जारी हुई थी।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए अन्य जनपदों की तरह सुल्तानपुर को भी अक्तूबर 2016 में शासन से बजट जारी किया था। अधिग्रहित जमीन के मालिकों को मुआवजे के भुगतान के लिए 01 करोड़ 05 लाख रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा, शाखा कादीपुर से निकाले गए थे। बैंक से पैसा तहसील के कर्मचारियों और सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों के साथ सरकारी जीप से दो बोरियों में भरकर उपकोषागार तहसील कादीपुर में डबल लॉक में रखा गया था। सुरक्षा की दृष्टिगत ड्यूटी थी। अगले दिन डबल लॉक का ताला काटकर रुपये चोरी हो गए।
लॉक की एक चाभी आरोपी के पास तथा दूसरी कैशियर के पास थी। घटना के संबंध में खजांची शिलाजीत दुबे ने कादीपुर थाने में 15 अक्तूबर 2016 को मुकदमा पंजीकृत कराया था। ईओडब्ल्यू वाराणसी की जांच में तत्कालीन नायब तहसीलदार रामप्रीत यादव की संलिप्तता पाई गई। निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा, स्वामीनाथ प्रसाद, मुख्य आरक्षी हेमंत सिंह और सरफराज अंसारी की टीम ने गिरफ्तारी की।
पांच और जांच के दायरे में
निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी रामप्रीत यादव अयोध्या जिले के महाराजगंज के अलनाभारी गांव के निवासी है। उन्हें सुल्तानपुर के कोर्ट में पेश किया गया। बताया कि इस मामले में सुल्तानपुर के कादीपुर तहसील के पांच और जांच के दायरे में हैं। इस केस में पूर्व नायब तहसीलदार की पहली गिरफ्तारी है।