अफसरों ने दबाए रखी अंसल ग्रुप के खिलाफ जारी 235 करोड़ की आरसी, 117 करोड़ की नहीं हुई रिकवरी
- खरीदारों का पैसा वापस दिलाने के लिए यूपी रेरा ने असंल ग्रुप के खिलाफ जो आरसी जारी की उसे जिलों के अधिकारी दबाए बैठे रहे। रेरा जिलों के अधिकारियों को लगातार पत्र लिखता रहा।

खरीदारों का पैसा वापस दिलाने के लिए यूपी रेरा ने असंल ग्रुप के खिलाफ जो आरसी जारी की उसे जिलों के अधिकारी दबाए बैठे रहे। रेरा जिलों के अधिकारियों को लगातार पत्र लिखता रहा। मीटिंग कर वसूली कराने का अनुरोध करता रहा लेकिन जिलों के अफसर नहीं चेते। खरीददार भी आरसी की वसूली कराने के लिए अफसरों के सामने गिड़गिड़ाते रहे। आईजीआरएस पर शिकायत करते रहे लेकन अफसर नहीं चेते। पड़ताल में पता चला कि कि अंसल के खिलाफ कुल जारी 235 करोड़ की आरसी में से 117 करोड़ रुपए की आरसी की रिकबरी आज तक नहीं कराई। अब अंसल को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद खलबली मच गयी है।
अंसल एपीआई बिल्डर ने हजारों लोगों को ठगा है। वर्ष 2017 में यूपी रेरा के गठन के बाद लोगों को अंसल एपीआई के खिलाफ शिकायत का फोरम मिला। यूपी रेरा ने केस दर्ज कराने वालों के मामले की तेजी से सुनवाई की। अंसल को भी पूरा मौका दिया। जब उसने निवेशकों व खरीददारों का पैसा नहीं वापस किया तब रेरा ने एक्ट के अनुसार आरसी जारी की। पड़ताल में पता चला कि 2268 लोगों ने यूपी रेरा में केस दर्ज कराया था। सुनवायी के बाद इनमें से तमाम मामलों में उसने आरसी जारी की। कुल 235 करोड़ रुपए की आरसी जारी हुई थी। लेकिन जिलों के अधिकारी आरसी की वसूली नहीं करा पाए। यूपी रेरा हर महीने जिलों के अफसरों को वसूली के लिए पत्र लिखता रखा। लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। आज भी 117 करोड़ से ज्यादा की आरसी की वूसली नहीं करायी गयी है। खुद यूपी रेरा के सचिव प्रमोद कुमार उपाध्याय ने कहा कि आरसी की वसूली के लिए लगातार जिलों के अफसरों के साथ मीटिंग की गयी। उन्हें पत्र भी लिखे गए। लेकिन 117 करोड़ की वसूली नहीं हुई।
613 आवंटियों के एक अरब 17 करोड़ आरसी में फंसे
यूपी रेरा ने जिन खरीददारों के मामले में आरसी जारी की थी उसमें से अभी तक 613 आवंटियों की आरसी की रकम की वसूली जिलों के अफसरों ने नहीं करायी। इन 613 लोगों की आरसी की रकम 117 करोड़ रुपए है। औसतन एक आवंटी के 19.08 लाख रुपए फंसे हैं। अगर जिलों के अधिकारियों ने वसूली करायी होती तो लोगों को भटकना न पड़ता।
लखनऊ में वसूली में सबसे ज्यादा लापरवाही, 58 करोड़ रुपए की आरसी की फाइलें दबायी
लखनऊ में आरसी की वसूली में भारी लापरवाही हुई है। यूपी रेरा अंसल के खिलाफ आरसी जारी करता रहा लेकिन प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी इसे दबाते रहे। इसकी वजह से अंसल के खिलाफ आरसी की वसूली नहीं हो पायी। आज भी अकेले लखनऊ में अंसल के खिलाफ जारी 58 करोड़ रुपए की आरसी की रिकबरी नहीं हो पायी है।
26 मार्च से 14 अगस्त तक अंसल ने 329 भूखण्ड बेचकर पैसा बटोरा, पर अधिकारी सोते रहे
अंसल एपीआई बिल्डर ने 26 मार्च 2022 से 14 अगस्त 2024 तक कुल 329 बड़े भूखण्ड बेच डाले। इन भूखण्डों की बाकायदा निबंधन कार्यालय में रजिस्ट्री भी करायी गयी। खरीदने वालों ने अंसल के खातों में पैसा भी ट्रांसफर किया। अरबों रुपए अंसल को मिले। लेकिन प्रशासन के अधिकारियों ने आरसी की रकम की रिकबरी नहीं करायी। अफसरों की रियायत व दरियादिली आज खरीददारों पर भारी पड़ रहा है।
पुणे सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनुराग तिवारी ने बताया, मेरी आरसी भी 30 नवम्बर 2023 को जारी हुई थी। तब से मैं प्रयास कर रहा हूं। कई बार डीएम कार्यालय में अफसरों से मिला। प्रार्थना की। कोई सुनवायी नहीं हुई। अधिकारियों ने रिकबरी नहीं कराई। मेरे पूरे जीवन की गाढ़ी कमाई डूब गयी है। बार बार पूणे से भाग कर अफसरों के पास आना भी बेकार गया। आईजीआरएस पर भी शिकायत को अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया।
लखनऊ डीएम विशाख जी का कहना है कि आरसी की रिकबरी क्यों नहीं करायी गयी इसकी मैं समीक्षा करुंगा। किन लोगों की इसमें लापरवाही रही है उसे भी देखेंगे। आरसी की रिकबरी होनी चाहिए थी। किन परिस्थितयों नहीं हुई यह समीक्षा में पता चलेगा। मामले में जिम्मेदारों की जवाबदेही भी तय की जाएगी।