अब केवल सवा घंटे में मुरादाबाद से राजधानी लखनऊ, शुरू हुई 19 सीटर विमान सेवा, जानिए किराया
- यूपी में मुरादाबाद से राजधानी लखनऊ अब केवल 75 मिनट यानी सवा घंटे में ही पहुंच सकते हैं। दोनों शहरों के बीच शनिवार से विमान सेवा का शुभारंभ हो गया। फिलहाल 19 सीटर छोटा विमान शुरू किया गया है।
यूपी में मुरादाबाद से राजधानी लखनऊ अब केवल 75 मिनट यानी सवा घंटे में ही पहुंच सकते हैं। दोनों शहरों के बीच शनिवार से विमान सेवा का शुभारंभ हो गया। फिलहाल 19 सीटर छोटा विमान शुरू किया गया है। भदासना एयरपोर्ट मूंढापांडे से लखनऊ के लिए पहले विमान ने उड़ान भरी है। मूंढापांडे क्षेत्र स्थित भदासना हवाई अड्डे पर आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह तथा कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर विमान को रवाना किया गया।
मुरादाबाद से लखनऊ के लिए हफ्ते में तीन दिन मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को विमान सेवा मिलेगी। तीनों दिन सुबह 9:35 बजे मुरादाबाद से विमान उड़ेगा। 75 मिनट बाद सुबह 10:50 बजे लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर लैंड करा। मुरादाबाद से लखनऊ का किराया प्रति व्यक्ति 1348 रुपए रखा गया है। यह किराया स्लैब में रखा गया है। जैसे जैसे सीटें रिजर्व होती जाएंगी, किराया बढ़ता जाएगा। सबसे पहले बुक होने वाली छह सीटें इस क़ीमत की होंगी। इसके बाद अधिकतम किराया तीन हज़ार तक है।
लखनऊ से मुरादाबाद की दूरी करीब 325 किमी है। मुरादाबाद से लखनऊ पहुंचकर से भारत के महानगरों समेत दुबई, सिंगापुर के लिए भी फ्लाइट मिल जाएगी। ऐसे में मुरादाबाद के लोगों को विदेश की कनेक्टिविटी भी मिल जाएगी।
हवाई सेवाएं शुरू होने से पीतल उद्योग को पंख लगेंगे:धर्मपाल सिंह
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने शनिवार को मुरादाबाद से हवाई सेवाएं शुरू होने के मौके पर कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद पीतल उद्योग की सोने जैसी चमक अब सर्फि देश ही नहीं बल्कि वश्वि पटल पर भी दिखाई देगी और यहां के पीतल उद्योग को पंख लगेंगे। हिंडन व देहरादून के लिए भी जल्दी हवाई सेवाएं शुरू हो जाएंगी।
प्रदेश सरकार मे कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह व राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने पहली उड़ान सेवा का शुभारंभ करते हुए यात्रियों को फूल-माला पहनाकर स्वागत किया तथा सभी को 'शुभ यात्रा' हो कह बधाई और शुभकामनाएं दीं। श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मुरादाबाद से लखनऊ के लिए हवाई सेवाएं शुरू होने से 10 अगस्त का दिन पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए काफी महत्वपूर्ण है। देश के प्रधानमंत्री का सपना है कि हवाई जहाज की यात्रा हवाई चप्पल पहनने वाला एक सामान्य व्यक्ति भी कर सके, इसके मुरादाबाद से लखनऊ के लिए हवाई उड़ान योजना की शुरुआत की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों का उत्तर प्रदेश बनाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों को हवाई सेवा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
उद्योगों की स्थापना और संचालन के लिए सेफ्टी, कनेक्टिविटी और इलेक्ट्रिसिटी जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिकता के साथ प्रदान की जा रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार मे उद्योगों की स्थापना सुरक्षित माहौल में ही संभव है, इसे मद्देनजर रखते हुए सरकार की प्राथमिकता में कानून व्यवस्था सर्वोपरि है। उत्तर प्रदेश की बेहतरीन कानून व्यवस्था का केवल देश में ही बखान नहीं किया जाता है बल्कि विश्व के अनेकों देशों के लिए मिसाल बन गयी है।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने की दिशा में प्रगति की ओर बढ़ रहा है, तथा मुरादाबाद हवाई अड्डे से हवाई सेवाएं शुरू होने के साथ ही अब मुरादाबाद मंडल वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएगा। रोडवेज, रेलवेज और एयरवेज की कनेक्टिविटी पूरे प्रदेश में है। आज पूरा उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे से आच्छादित है। दल्लिी से मेरठ तक रैपिड रेल सेवा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उत्तर प्रदेश के लिए विशेष सौगात है।
ऐसे पूरा हुआ हवााई पट्टी से हवाई अड्डा बनने का सफर
हवाई पट्टी से हवाई अड्डा बनने तक और उड़ान शुरू होने तक सफर काफी लंबा रहा। हवाई उड़ान शुरू करने के लिए आपके अपने लोकप्रिय अखबार हिन्दुस्तान ने जनता की आवाज बनकर लांचिंग के समय से ही मुहिम चलाई। खामियां उजागर कर अफसरों और जनप्रितनिधियों को जगाया।
मंडलायुक्त आन्जनेय सिंह से लेकर जिलाधिकारी अनुज सिंह ने इसे शुरू करवाने में अहम योगदान दिया। निर्यातकों, डाक्टरों, कारोबारियों सभी की बात अफसरों तक हिन्दुस्तान ने शिद्दत से पहुंचाई। हिन्दुस्तान ने 2012 में लांचिंग के साथ ही हवाई अड्डे पर मुहिम चलाई। बात 2014 में आगे बढ़ी। एयरपोर्ट अथारिटी से समझौते के बाद दो साल की डेड लाइन रखी गई पर मामला ठंडे बस्ते में चला गया पर हिन्दुस्तान ने पीछा नहीं छोड़ा।
इसके बाद हवाई अड्डे की मूल स्वीकृति चौदह अगस्त 2018 में हुई। दिसंबर 2018 में हवाई पट्टी से हवाई अड्डे में बदलने के लिए इसका निर्माण शुरू किया गया। उस वक्त इसकी मूल स्वीकृति लागत 197.52 लाख थी। इसके बाद पुनरीक्षित लागत 2245.19 लाख हो गई। इसके बाद अंत तक लागत बढ़ कर 2419 लाख पहुंच गई। आठ फरवरी 2021 को पुनरीक्षित स्वीकृति मिली। अंत तक फर्नीचर समेत अन्य फिनिशिंग टच में लागत 29 करोड़ तक पहुंच गई।
इस दौरान लगातार खबरें प्रकाशित की गईं। तीस अप्रैल 2023 को राजकीय निर्माण निगम ने इसका कार्य पूरा कर दिया। मई 2023 में एयरपोर्ट अथारिटी को हवाई अड्डा हैंडओवर कर दिया गया। नवंबर 2023 में लाइसेंस मिला। 10 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका लोकार्पण किया। इसके बाद भी हिन्दुस्तान लगातार हवाई उड़ान को लेकर सक्रिय रहा और अब नतीजा सामने है।
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