राज्यपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट, एक पखवारे बाद मामला आया सामने, पिछले हफ्ते छोड़ा था पद
- राज्यपाल रहे फागू चौहान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। वारंट तब जारी हुआ जब फागू चौहान मेघालय के राज्यपाल थे। एक हफ्ते बाद मामला तब सामने आया है जब उन्होंने पद छोड़ दिया है।
जमीन विवाद के 23 साल पुराने मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने बिहार और मेघालय के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे फागू चौहान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। उन पर कोर्ट से स्टे आर्डर होने के बाद भी जमीन पर कब्जा करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। इस मामले 27 अगस्त को अगली सुनवाई होगी। न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ओमश्री चौरसिया की अदालत से फागू चौहान के खिलाफ 16 जुलाई को तब वारंट जारी किया था जब वह मेघालय के राज्यपाल थे। एक पखवारे बाद मामला तब सामने आया है जब उन्होंने पद छोड़ दिया है। फागू चौहान ने 27 जुलाई 2024 को कार्यकाल पूरा होने पर पद छोड़ा था।
नगर कोतवाली क्षेत्र के बलरामपुर निवासी शिवपूजन चौहान ने 2001 में सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि शहर के हाफिजपुर में स्थित उनकी जमीन के बगल में ही फागू चौहान का कोल्ड स्टोरेज है। फागू और उनके भाई शिवकुमार उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते थे। इसे लेकर कई बार विवाद हुआ। उन्होंने पहले मंडलायुक्त कोर्ट फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर ले लिया। कोर्ट से स्टे ऑर्डर होने के बावजूद नौ मार्च 2001 को फागू चौहान और शिवकुमार चौहान ने सरकारी गनर और अन्य लोगों के साथ मिलकर उनके खेत से गन्ने की फसल कटवा ली। ऐतराज करने पर गालीगलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी।
मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद सीजेएम कोर्ट ने 23 जुलाई 2001 को फागू चौहान और उनके भाई शिवकुमार चौहान को तलब कर लिया। आर्डर के विरुद्ध फागू चौहान और शिवकुमार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर ले लिया। सालों तक पत्रावली स्टे ऑर्डर मे चलती रही। जब पत्रावली प्राचीन हो गई तब एक्शन प्लान के तहत मुकदमे में जारी स्टे ऑर्डर खत्म हो गया। इस बीच आरोपी शिवकुमार चौहान की मौत हो गई। अब इस मामले की सुनवाई कर रहीं न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर 26 ओमश्री चौरसिया ने फागू चौहान के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया है।
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