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कृतार्थ हत्‍याकांड में नया मोड़, हाथरस पुलिस बोली-बलि नहीं, 8वीं के छात्र ने छुट्टी के लिए किया कत्‍ल

  • पुलिस ने 5 दिन पहले कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में आरोपियों को क्लीन चिट दी है। पुलिस ने आरोपियों को सिर्फ सबूत मिटाने और अपराध की सूचना नहीं देने का दोषी माना है। स्कूल के ही 8वीं के एक छात्र को हत्या का आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने गुपचुप तरीके से 16 दिसंबर को उसे बाल सुधार गृह भेज दिया।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, कार्यालय संवाददाता, हाथरसWed, 25 Dec 2024 09:01 PM
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Hathras Schoolboy's Murder Case: हाथरस के बहुचर्चित कृतार्थ हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक, उसके पिता समेत पांचों आरापियों को हत्या का दोषी नहीं माना है। पुलिस ने पांच दिन पहले कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में आरोपियों को क्लीन चिट दी है। पुलिस ने पांचों आरोपियों को सिर्फ सबूत मिटाने और अपराध की सूचना नहीं देने का दोषी माना है। इसमें स्कूल के ही आठवीं के एक छात्र को हत्या का आरोपी बनाया है। लिहाजा पुलिस ने गुपचुप तरीके से 16 दिसंबर को हिरासत में लेने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया। पुलिस का कहना है कि, आरोपी छात्र का स्कूल में मन नहीं लगता था। वह छुट्टी चाहता था। इसलिए उसने ही कृतार्थ की हत्या कर दी। उधर, कृतार्थ के परिवारीजनों ने पुलिस की कहानी को झूठा करार दिया है। उनका कहना है कि प्रबंधक दिनेश बघेल इस मामले में पूरी तरह से दोषी था। उसकी गाड़ी में बच्चे की डेडबॉडी मिली थी।

स्कूल के मैनेजर समेत पांचों आरोपियों को मंगलवार को जमानत मिल गई। अभी इनकी जेल से रिहाई नहीं हुई है क्योंकि स्कूल प्रबंधक पर बिना अनुमति के आवासीय विद्यालय संचालित करने का भी आरोप है। बीएसए ने इसमें मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच में नए तथ्य मिले हैं। इसी आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई। जिसमें एक छात्र का नाम सामने आया है।

चार्जशीट में क्या है

पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र के साथ हत्यारोपी किशोर के बयानों को अदालत में पेश किया है। पुलिस के मुताबिक किशोर ने बताया कि उसका स्कूल में मन नहीं लगता था जिसके चलते उसने स्कूल में एडमिशन लेने से पहले मोबाइल पर स्कूल में छुट्टी कराने के कारण देखे। जिसमें किसी छात्र के मर जाने से स्कूल के बंद होना बताया तो उसने कृतार्थ की हत्या से तीन माह पहले भी दो बच्चों को गला दबाकर मारने की कोशिश की थी। लेकिन वह सफल नहीं हो सका। उसके बाद 22 सितम्बर 2024 की रात को उसने कृतार्थ की हत्या कर दी।

यह था पूरा मामला

गांव रसगंवा स्थित डीएल पब्लिक स्कूल में 23 सितम्बर 2024 को कक्षा दो में पढ़ने वाले 11 वर्षीय कृतार्थ की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में काफी जल्दबाजी की और स्कूल प्रबंधक सहित पांच लोगों के खिलाफ हत्या और साक्षय मिटाने जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। उसके बाद पुलिस ने प्रबंधक सहित स्कूल के स्टाफ से पूछताछ की, लेकिन बालक की हत्या के कुछ घंटे बाद ही हॉस्टल में रहने वाले 14 साल के एक किशोर का नाम सामने आया कि बालक की हत्या उसी किशोर ने की है। पुलिस ने उसे चार दिन तक हिरासत में रखा। उससे पूछताछ की और बाद में छोड़ दिया। पुलिस ने चार दिन बाद हत्याकांड का खुलासा कर डाला। पुलिस ने खुलासा करते हुए कहा कि बालक की हत्या प्रबंधक के पिता, प्रबंधक और शिक्षकों ने मिलकर की है। प्रबंधक का पिता तांत्रिक है। इसलिए स्कूल की तरक्की को छात्र की बलि दी गई है।

परिजन बोले- पुलिस की कहानी झूठी है

इधर, छात्र कृतार्थ के परिवार के लोगों का कहना है कि पुलिस ने झूठी कहानी रच दी है। प्रबंधक दिनेश बघेल इस मामले में पूरी तरह से दोषी था। उसकी गाड़ी में बच्चे की डेडबॉडी मिली थी। फिर भी पुलिस ने उसे हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया। वह इस मामले में हाईकोर्ट जाएंगे। प्रबंधक दिनेश बघेल की पत्नी का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है। उनके पति और ससुर व अन्य अध्यापकों ने हत्या नहीं की थी, इसलिए इन्हें जमानत मिली है।

क्‍या बोली पुलिस

हाथरस के एसपी चिरंजीव नाथ सिन्‍हा ने कहा कि जिस किशोर को जेल भेजा गया है। उसने अपना जुर्म स्वीकार किया है। उसी आधार पर किशोर को बाल सुधार गृह भेजा है। बाकी विवेचना प्रचलित है। स्कूल प्रबंधक सहित पांच आरोपियों को अन्य धारा में दोषी मना है।

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