Muzaffarnagar produces 118 types of Jaggery with a turnover of 4500 crores annually 118 तरीके का गुड़ बनाता है मुजफ्फरनगर, टर्नओवर के करोड़ गिनकर हैरान रह जाएंगे, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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118 तरीके का गुड़ बनाता है मुजफ्फरनगर, टर्नओवर के करोड़ गिनकर हैरान रह जाएंगे

  • मुजफ्फरनगर में 118 तरह के गुड़ बनते हैं जिनकी बदौलत पश्चिमी यूपी के इस जिले में गुड़ का सालाना कारोबार 4500 करोड़ तक पहुंच गया है।

Ritesh Verma हिन्दुस्तान टीम, दिवाकर झा, मुजफ्फरनगरTue, 3 Dec 2024 06:21 PM
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118 तरीके का गुड़ बनाता है मुजफ्फरनगर, टर्नओवर के करोड़ गिनकर हैरान रह जाएंगे

मुजफ्फरनगर की गुड़ मंडी एशिया में प्रसिद्ध है। यहां के गुड़ और शक्कर देश ही नहीं, विदेश में भी मिठास फैला रहे हैं। गुड़ कारोबार से गन्ना किसानों की खुशहाली के साथ क्षेत्र के व्यापारी भी आर्थिक रूप से मजबूत हैं। मुजफ्फरनगर में 118 वैरायटी के गुड़ तैयार होते हैं जिनका सालाना कारोबार करीब 4500 करोड़ का है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक जनपद-एक उत्पाद योजना में गुड़ को शामिल कर दुनिया भर में मुजफ्फरनगर को नई पहचान दिलाई है।

मुजफ्फरनगर जिले में लगभग 3500 से अधिक कोल्हू गुड़ बनाते हैं। गुड़ उत्पादन में यह देश का अग्रणी जिला है। यहां लगभग 80 हजार कट्टे गुड़ का रोजाना उत्पादन है। किसान और कारोबारी के पास करीब 20 लाख टन गुड़ को स्टोर करने की भंडारण क्षमता है। कृषि उत्पादन मंडी समिति के सचिव कुलदीप कुमार ने बताया कि जिले में गुड़ का सालाना कारोबार 4500 करोड़ से अधिक का है। लखनऊ में मार्च 2025 में होने वाले गुड़ महोत्सव में जनपद से कई किसान और फर्म अपने गुड़ व उसके सह उत्पाद का स्टाल लगाएंगे।

डायबिटीज मरीजों के लिए चीनी का विकल्प बना गुड़

स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते लोग चीनी से गुड़ और शक्कर की ओर लौट रहे हैं। गुड़ को नॉन सेंट्रीफ्यूगल शुगर कहा जाता है। खास तौर से डायबिटीज के मरीज के लिए गुड़ का इस्तेमाल ठीक माना जाता है। जिला अस्पताल में तैनात वरिष्ठ फिजिशियन डा. योगेन्द्र कुमार त्रिखा ने गुड़ को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बताया है।

कुटीर उद्योग का रूप ले रहे कोल्हू

गुड़ से बनने वाले अन्य उत्पाद भी आर्थिक तरक्की का नया रास्ता खोल रहे हैं। जिले में गुड़ से बने उत्पादों का काम कुटीर उद्योग का रूप ले रहा है। जिले में गुड़ की थोक मंडी 1954 में स्थापित हो गई थी जिसे गुड़ मंडी के नाम से बुलाते हैं। इसके अलावा नई मंडी में स्थान सीमित होने के कारण 1976 में सरकार ने नवीन मंडी की स्थापना की। यहां से हर रोज विभिन्न प्रकार के गन्ना उत्पाद देश और विदेश को जाता है।

गुड़ की गुणवत्ता मापने के लिए लैबोरेट्री की जरूरत

दि गुड़ खांडसारी एण्ड ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन से जुड़े कारोबारी संजय मिश्रा, अचिंन मित्तल का कहना है कि गुड़ माफिया के कारण करोड़ों के राजस्व की हानि होती है। उन्होंने मंडी में गुड़ की गुणवत्ता मापने के लिए एक सरकारी लैब स्थापित करने की मांग की।

गुड़ से होने वाले लाभ

  • गुड़ शरीर से हानिकारक टॉक्सिन निकालकर खून को साफ रखता है
  • गुड़ फेंफड़े, श्वांस नली, आंत और भोजन नली साफ रखने में मददगार है
  • गुड़ शारीरिक थकान मिटाने में उपयोगी है इसलिए शारीरिक श्रम वालों के लिए उपयुक्त
  • गुड़ पाचक रस का स्राव बढ़ाकर पाचन में मदद करता है और कब्ज दूर करने में सहायक है
  • अस्थमा के उपचार में भी गुड़ को लाभदायक माना जाता है।

व्यापारी करें सहयोग, गुड़ माफिया पर होगी कार्रवाई: कपिलदेव अग्रवाल

उत्तर प्रदेश के कौशल विकास मंत्री कपिलदेव अग्रवाल का कहना है कि योगी सरकार ने किसान और गुड़ व्यापारियों दोनों को लाभ देने का काम किया है। मंडी शुल्क को ढाई प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया गया। किसानों को अब कहीं पर भी उत्पाद बेचने का अधिकार है। मंडी में गुड़ की कम आवक और गुड़ माफिया के सवाल पर अग्रवाल ने कहा कि व्यापारी सहयोग करें तो निश्चित तौर पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।