हड़कंप: डेढ़ माह में ही दोबारा कोरोना संक्रमित हो गया युवक
--रैपिड एंटीजन टेस्ट में आया है पुन: पॉजिटिव, अब आरटीपीसीआर टेस्ट कराएंगे: डा. प्रवीण चोपड़ा...
शहर और जिले के देहात क्षेत्र में लगातार तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के खतरे के बीच एक नया खतरा भी सामने आ गया है। जिस युवक को करीब डेढ माह पूर्व कोरोना संक्रमण हुआ था और उसने 14 दिन तक कोविड अस्पताल में उपचार कराने के बाद अपने घर में भी दस दिन का क्वारंटाइन समय बिताया वह दोबारा कोरोना संक्रमित हो गया है। यह अपने आप में जिले में पहला मामला है। स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सीएमओ डा. प्रवीण चोपड़ा ने माना कि युवक रैपिड एंटीजन टेस्ट में दोबारा कोरोना संक्रमित मिला है। अब उसका आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया जाएगा। दरअसल जिला चिकित्सालय में कार्यरत नर्स के युवा पुत्र ने गले में खराश व हल्का बुखार होने पर 27 जुलाई को अपना कोरोना सैंपल जांच को दिया। उसकी जांच रिपोर्ट 30 जुलाई को आई। कोरोना संक्रमित मिला युवक महावीर चौक पर एक पैथोलॉजी लैब में काम करता है। इसके कोरोना पॉजिटिव मिलने पर उसे मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में बने कोविड-एल वन अस्पताल में भेज दिया गया था। 14 दिन बाद उसे डिस्चार्ज कर दस दिन के लिए होम क्वारंटाइन कर दिया गया था। अपना दस दिन का क्वारंटाइन समय पूरा होने के बाद युवक ने अपना रैपिड एंटीजन टेस्ट भी कराया जिसमें उसकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। रिपोर्ट निगेटिव आने पर वह अपने को ठीक मानकर फिर से पैथोलॉजी लैब पर जाने लगा। तीन दिन पूर्व उसे बुखार आया तो उसने बुखार की दवा ली लेकिन बुखार नही उतरा तो उसने जिला चिकित्सालय में दिखाया। युवक का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया गया तो उसका टेस्ट पॉजिटिव आया। ठीक होने के करीब एक माह के भीतर ही दोबारा युवक के कोरोना पॉजिटिव मिलने से स्वास्थ्य विभाग में भी हडकंप है। जिला चिकित्सालय में नर्स के रूप में कार्यरत युवक की मां भी कोरोना पॉजिटिव मिली हैं। इस संबंध में जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डा. योगेंद्र त्रिखा का कहना है कि दोबारा से किसी के कोरोना संक्रमित होने का यह जिले में पहला मामला है। युवक पहले आरटीपीसीआर टेस्ट में कोरोना संक्रमित मिला था। बीच में उसने रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया था जो निगेटिव आया था। अब तीन दिन से बुखार होने पर उसने रैपिड टेस्ट कराया तो वह पॉजिटिव मिला है। उनका कहना है कि बुखार होने का मतलब यह है कि युवक सिंप्टोमैटिक है। उन्होंने कहा कि पहले जब नौएडा आदि में एक दो मामले दोबारा संक्रमित होने के मिले थे वह बिला लक्षण वाले थे। उस समय तर्क दिया गया था कि आरटीपीसीआर टेस्ट में डैड सैल को भी जांच दिया गया जिनमें पहले कोरोना था और ठीक होने पर यह सैल डैड हो गई थी। यहां युवक को बुखार होने के कारण लक्षण है और वह सिंप्टोमैटिक भी है। एक युवक के दोबारा पॉजिटिव आने पर उनकी सीएमओ से बात हुई है। जानकारी में आया है कि दिल्ली के आसपास भी इस तरह के एक दो केस दोबारा पॉजिटिव होने के मिले हैं। लोगों को खुद सावधानी बरतनी होगी कि वह ठीक होने के बाद भी लापरवाही न बरते। शरीर में इम्युनिटी के आधार पर 30 से 45 दिन बाद फिर खतरा बढ़ जाता है। लोगों को खुद सावधानी बरतनी होगी। सेल्वा कुमारी जे. जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर