
भगवान भक्त के प्रति सरल है : स्वामी राजेंद्र देवाचार्य
संक्षेप: Muzaffar-nagar News - शुकतीर्थ हनुमान धाम में भागवत कथा के चौथे दिन स्वामी राजेंद्र देवाचार्य महाराज ने कहा कि मुक्ति का मार्ग कथा श्रवण से खुलता है। भगवान का स्मरण और संत कृपा से जीव की इच्छाएं शांत होती हैं। उन्होंने कहा...
पोराणिक धर्म नगरी शुकतीर्थ हनुमान धाम में चोथे दिन भागवत कथा व्यास रेवासा वृंदावन से पधारे स्वामी राजेंद्र देवाचार्य महाराज ने कहा कि जिसे इस जीवन में मुक्ति नहीं मिलेगी, वह जीव मरने के बाद मुक्त नहीं हो पाएगा। जो कथाओं का लाभ जान जाए गए,कथाए उसकी प्राण बन जाएंगी। भागवत कृपा, संत कृपा से जीव सहज इच्छा रहित हो जाता है। पतित पावनी भगवती गंगा मैया के तट पर भागवत कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि आनंद जीवन सर्वोच्च सत्संग की भागवत कथा श्रवण के रुप में हो रहा है। भगवान ही हमारे अपने हैं। किसी भी परिस्थिति में वह जीव का परित्याग नहीं करते।

पुतना ने श्रीकृष्ण को विषेला दुध पिलाया। दूध पिलाने वाली गाय को जो गति मिलनी चाहिए वह श्री कृष्ण भगवान ने पुतना को प्रदान कर दी। बार-बार जन्म से भगवान स्मरण से छुटकारा मिलेगा। श्री कृष्ण की व्याख्या जो मरते समय मेरा स्मरण करें वह मेरा होगा। भगवान शुकदेव कथाओं के वैध है। जो जहां है वहीं से कथा सुने।कथा आयोजन में महामंडलेश्वर केशवानंद महाराज, ब्रह्मचारी आनंद स्वरूप सरस्वती महाराज, स्वामी विज्ञानंद महाराज, ट्रस्टी आरके टंडन, कंवर सेन गोयल, जियालाल, जितेंद्र, राजीव गुप्ता आदि मुख्य भूमिका निभा रहे हैं

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