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Hindi News उत्तर प्रदेश मुजफ्फर नगरमंडलीय क्रीड़ा में सहारनपुर के खिलाड़ियों का ट्राफी लेने से इंकार, हंगामा

मंडलीय क्रीड़ा में सहारनपुर के खिलाड़ियों का ट्राफी लेने से इंकार, हंगामा

मंडलीय क्रीड़ा में सहारनपुर के खिलाड़ियों का ट्राफी लेने से इंकार, हंगामा

मंडलीय क्रीड़ा में सहारनपुर के खिलाड़ियों का ट्राफी लेने से इंकार, हंगामा
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फर नगरFri, 11 Nov 2022 08:00 PM
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मंडलीय बालक-बालिका शैक्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता में सम्मान समारोह में उस समय विधन पड़ गया। जब सहारनपुर के खिलाड़ियों व कोच ने तीन दिन से खाना नहीं मिलने से नाराज होकर जीती हुई सील्ड व मैडल लेने से इनकार कर दिया। हगांमा इतना बढ़ा की कोच ने प्रतियोगिता में अतिथि के रूप में आए संयुक्त शिक्षा निदेशक राणा सहस्रांशु कुमार सुमन पीईएस को भी विरोध का सामान करना पड़ा। कोच ने संयुक्त शिक्षा निदेशक से शील्ड व मेडल लेने से इनकार कर दिया। बाद में अन्य प्रधानाचार्य को मैदान में उतर कर किसी तरह मामला शांत कराया गया।

शुक्रवार को डीएवी इंटर कालेज के मैदान में तीन दिवसीय मंडलीय खेल प्रतियोगता के आखरी दिन रंगारंग कार्यक्रम में देश भक्ती गीतों पर छात्र-छात्राएं एक से बढ़कर एक नृत्य प्रस्तुत किया। डीएवी डिग्री कालेज में मैदान पर देश भक्ती की लहर दौड रही थी। बाद में सम्मान समारोह का के दौरान सहारनपुर के विजेता खिलाड़ियों का नाम माईक में अनाउंसमेंट हुआ। तो कई भी खिलाड़ी मैदान पर पुरस्कार वितरण स्थल पर नहीं पहुंचा। डीएवी इंटर कालेज के साईंस प्रवक्ता अरुण कुमार ने काई बार सहारनपुर के खिलाड़ियों का नाम अनाउंसमेंट किया लेकिन खिलाड़ी व कोच ट्रॉफी लेने नहीं पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रतियोगिता में अतिथि संयुक्त शिक्षा निदेशक राणा सहस्रांशु कुमार सुमन के सामने अपना विरोध दर्ज किया। इस दौरान सहारनपुर के कोच व खिलाड़ियों ने बताया कि तीन दिन से सहारनपुर के खिलाड़ियों को खाना भी नहीं दिया गया। खिलाड़ी भूखे पेट मैदान पर दौड़े। इस दौरान अतिथि संयुक्त शिक्षा निदेशक राणा सहस्रांशु कुमार सुमन पीईएस ने खिलाड़ियों व कोच को समझाने की कोशिश की तो उल्टे उन्होंने उन्हें की खरी खोटी सुना दी। उन्होंने मुजफ्फरनगर व शामली के खिलाड़ियों को पैसा देने का आरोप लगाया, जबकि सहारनपुर के खिलाडियों को पैसा नहीं देने की बात कही। हांलाकि सभी जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक को खिलाड़ियों का खर्च देना होता है। उन्होंने नहीं दिया। वही हंगामा बढता देख अन्य मुजफ्फरनगर व शामली के अध्यापकों को बीच में आना पड़ा तब जाकर कही खिलाड़ियों को शांति किया।

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