हत्या के मामले में चार आरोपी 11 साल बाद कोर्ट ने किए बरी
Muzaffar-nagar News - मुजफ्फरनगर में 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा एजेंट राजकुमार की हत्या के मामले में कोर्ट ने चार आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। इस मामले में एक आरोपी की ट्रायल के दौरान मौत हो गई...

मुजफ्फरनगर। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा के चुनाव के दिन शाहपुर थाना क्षेत्र के गांव सौरम में बसपा एजेंट की हत्या हो गई थी। इस मामले में कोर्ट ने चार आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। एक आरोपी की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी, जबकि एक आरोपी तभी से जिला कारागार में बंद था। उसकी हाईकोर्ट से भी जमानत खारिज हो गई थी। बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामवीर सिंह, आयुष कुमार ने बताया कि 10 अप्रैल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान वोटिंग को लेकर गांव सौरम में बसपा एजेंट राजकुमार व भाजपा के एजेंट सुशील कुमार के बीच कहासुनी हो गई थी। शाम के समय बसपा एजेंट राजकुमार की घर से बुलाकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या में भाजपा एजेंट सुशील कुमार व कपिल निवासी सौरम को नामजद किया गया था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में पुलिस की विवेचना में दोनों की नामजदगी गलत पाई गई थी, जबकि पुलिस की विवेचना में राजीव, मोनू व रकमपाल निवासी सौरम के नाम प्रकाश में आए थे।
पुलिस ने सुशील व कपिल के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। हालांकि कोर्ट ने नामजद दोनों आरोपियों के संबंध में फाइनल रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामवीर सिंह ने बताया कि मामले की सुनवाई एडीजे-2 अशोक कुमार की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने 11 साल बाद चार आरोपियों को संदेह का लाभ में बरी कर दिया, जबकि ट्रायल के दौरान आरोपी मोनू की मौत हो गई थी।
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