माता पिता को छोड़े पर तीन माह की हो सकती है कैद : सलोनी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मूंगा देवी वृद्धाश्रम, रामलीला ग्राउन्ड नई मन्डी में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का...
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मूंगा देवी वृद्धाश्रम, रामलीला ग्राउन्ड नई मन्डी में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव न्यायिक अधिकारी सलोनी रस्तोगी के द्वारा वृद्धाश्रम में निवास कर रही वृद्ध महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई । सभी वृद्ध महिलाओं से उनकी समस्याओं को व हाल, चाल जाना गया। इस दौरान वद्ध महिलाएं को खाद्य सामग्री आदि का वितरण किया गया।
बुधवार को विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सलोनी रस्तोगी ने बताया कि यदि किसी पुत्र या पुत्री द्वारा अपने माता पिता का भरण पोषण नहीं किया जाता है तो उसके विरूद्ध भरण पोषण के लिए मुकदमा किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यदि किसी प्रकार की कानूनी सहायता की आवश्यकता हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से नि: शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। वृद्ध जनों को रेलवे टिकट, हवाई टिकट में छूट मिलती है। न्यायालयों में लम्बित मुकदमों में वृद्धजनों के मुकदमों को वरीयता के आधार पर सुना जाता है। वृद्धावस्था पैन्शन योजना, माता पिता व वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण अधिनियम 2007 के तहत बच्चों की विधिक जिम्मेदारी है कि अपने माता पिता का भरण पोषण व देख भाल करना। अपने माता पिता का त्याग करने पर तीन माह की कैद व 500 रूपये का जुर्माना हो सकता है। जिसे बढाकर 6 माह व जुर्माना 1 हजार रूपये करने की बात की जा रही है। बेटा - बेटी, पोता, पोती, के साथ साथ बहु व दामाद को भी भरण पोषण के लिए उत्तरदायी बनाये जाने की बात की जा रही है। इस दौरान अपर सिविल जज जू.डि. गगनदीप द्वारा वृद्धाश्रम में निवास कर रही महिलाओं को कोविड -19 करोना वायरस के बारे मे जानकारी देते हुए जागरूक किया गया। इस दौरान सदस्य जेजे बोर्ड, बीना शर्मा, राजकुमारी, सुशीला, कान्ता, कमलेश, मीरा व श्यामों आदि उपस्थित रहें।