सड़क दुघर्टना में घायल सेना के जवान की उपचार के दौरान मौत
भारतीय सेना के जवान ने दुर्घटना के बाद उपचार के दौरान अपनी जान गंवा दी। सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी मौत से परिवार और गाँववालों में दुःख की लहर।
मोरना। दुर्घटना में घायल सेना के जवान की सोमवार रात उपचार के दौरान मौत हो गई। शुकतीर्थ श्मशान घाट पर सैनिक सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं परिवार के एकलौते चिराग की मौत से परिजनों का रो रोकर बुराहाल है। जवान की छह माह पहले ही शादी हुई थी। वहीं तीनों बहनें रोते हुए कह रही थीं कि अब वे किसकी कलाई पर राखी बांधेंगी। जवान की मौत की सूचना पर ग्रामीणों की भीड़ लगी रही। भोपा थाना क्षेत्र के गांव फिरोजपुर खादर (शुक्रताल) स्थित दुर्गा धाम कॉलोनी निवासी राममेहर का एकलौता बेटा 27 वर्षीय आशीष वर्ष 2019 में बड़ौत में हुई सेना की भर्ती में राष्ट्रीय राइफल में शामिल हुआ था। वर्तमान में आशीष उड़ीसा में तैनात था। आशीष गत एक जुलाई को 27 दिन की छुट्टी पर घर आया हुआ था। 20 जुलाई को आशीष बाइक से किसी काम से घर से निकला था। दुर्गाधाम मंदिर के पास ट्रैक्टर ट्राली की साइड लगने से आशीष गंभीर रूप से घायल हो गया। आशीष का आर्मी बेस हॉस्पिटल दिल्ली में उपचार चल रहा था। जहां सोमवार रात उसकी मौत हो गई। आशीष की मौत की सूचना पर परिवार में कोहराम मच गया।
मंगलवार को जवान का शव घर पहुंचा। इकलौते बेटे की मौत से पिता राम मेहर, माता कश्मीरी नवविवाहिता शिवानी, बहन सोनिया, प्रिया व इंदु का रो-रोकर बुराहाल है। शुकतीर्थ श्मशान घाट पर पिता ने जवान की चिता को मुखाग्नि दी। मेरठ छावनी से आए सेना के जवानों में सूबेदार अजब सिंह के नेतृत्व में जवान को अंतिम सलामी दी गई ।
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छह माह पहले ही हुई थी शादी
आशीष की शादी 18 फरवरी 2024 को गांव अंतवाड़ा की शिवानी से हुई थी। पति के घायल होने के बाद से शिवानी उनके स्वस्थ होने के लिए पूजा कर रही थी। सोमवार रात आशीष की मौत की सूचना के बाद शिवानी का रो रोकर बुराहाल है।
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15 वर्ष पूर्व आया था आशीष का परिवार फिरोजपुर
मूलरूप से जनपद शामली के गांव दतेड़ा के रहने वाले राममेहर 2009 में परिवार के साथ गांव फिरोजपुर खादर (शुक्रताल) के दुर्गा धाम कॉलोनी में आकर बस गए थे। वहीं आशीष सेना की भर्ती के लिए तैयारी कर रहा था जहां उसकी मेहनत रंग लाई और वह बड़ौत में हुई सेना भर्ती में राष्ट्रीय राइफल में शामिल हो गया।
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अब किसकी कलाई पर बहनें बांधेगी राखी
जवान आशीष तीन बहनों का इकलौता भाई था। पिता राममेहर व मां कश्मीरी का तो संसार ही जैसे उजड़ गया। बहन इंदु सोनिया व प्रिया रोते हुए कह रही थी की रक्षाबंधन को अब वह किसकी कलाई पर राखी बांधेगी।
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