मुजफ्फरनगर में भी आज से सोने पर हॉल मार्किंग लागू हुई
उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में बुधवार से हॉल मार्किंग लागू किया गया, जिसमें मुजफ्फरनगर भी शामिल है। इंडियन हॉलमार्क से आम सर्राफ और ज्वैलर्स को फायदा...
उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में बुधवार से हॉल मार्किंग लागू किया गया, जिसमें मुजफ्फरनगर भी शामिल है। इंडियन हॉलमार्क से आम सर्राफ और ज्वैलर्स को फायदा होगा। दूसरी ओर इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की जनपद इकाई ज्वाइंट सैकेट्री मनोज पुण्डीर ने बताया कि हालमार्क की इस व्यवस्था से नामी ब्रांडेड कम्पनियों का एकाधिकार टूटेगा और आम सर्राफ और ज्वैलर्स के साथ ही आम आदमी को भी। फायदा होगा।
सराफा बाजार में कार्यालय पर जानकारी देते हुए इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स के जिला पदाधिकारियों ने कहा कि हॉलमार्क की अनिवार्यता से सोने के आभूषण खरीदने वाले ग्राहकों को भी अच्छी क्वालिटी के जेवरात पहनने को मिलेंगे। ज्वैलरी इंडस्ट्रीज पर गत रात्रि नया कानून लागू कर दिया गया है, जो अभी फिलहाल 252 जनपदों में लागू हो गया है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अभी तक 20 कैरेट की ज्वेलरी चलती थी जबकि सरकार इसे मान्यता नहीं देती थी। गत रात्रि की बैठक में 14, 18 व 22 के अलावा 20 और 23 कैरेट के सोने को भी मंजूरी दे दी गयी है। अभी तक यह माना जाता था कि 20 कैरेट का सोना मजबूती में सबसे आगे रहता है। उन्होंने बताया कि ग्राहक जिस समय अपने सोने के आभूषण वापस करता है तब प्रचलित मजदूरी के हिसाब से 10 से 15 प्रतिशत तक कटौती की जाती है यद्यपि मजदूरी की दरे हर संस्थान और हर जगह अलग अलग है। लेकिन उन्होंने कहा कि मजदूरी के रेट भी समान होने चाहिए ताकि ग्राहकों को इसका लाभ मिल सके। इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज जैन, सचिव मोहित गोयल, कोषाध्यक्ष विनय वर्मा, उपाध्यक्ष श्रेय गोयल, सुशील गर्ग, गोपाल कृष्ण सर्राफ, गौरव वर्मा, बिट्टन सर्राफ, मोहित गर्ग सहित सर्राफा एसोसिएशन के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।
जिला सर्राफा एसोसिएशन की बैठक में हुआ विचार
बुधवार को जिला सर्राफा एसोसिएशन मुजफ्फरनगर के सचिव स्वराज वर्मा ने आयोजित बैठक में बताया कि सोने पर हॉल मार्किंग के तहत 20, 23, 24 कैरेट की ज्वैलरी भी हाल मार्क के लिए मान्य की गई है। यूआईडी की कोई मोहर नही लगेगी, परन्तु हालमार्किंग केंद्र अपने यहाँ उसका रिकॉर्ड रखेगा। जीएसटी में पंजीकृत को हालमार्किंग में रेजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। सोने की ज्वेलरी पर अनिवार्य रूप से हॉल मार्किंग हो रही है। उन्होंने बताया कि व्यापारी पुराने जेवरात पहले की तरह से खरीद सकते हैं लेकिन उनकी हालमार्किंग कराकर या फिर गलवाने के बाद रिफाइंड करवाकर नए हाल मार्क के जेवरात बनवाकर उन्हें बेचा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि पुराने स्टॉक पर वित्त मंत्रालय ने 31 अगस्त तक का समय दिया है। जो आभूषण हाल मार्क नही हो सकते उनका निस्तारण 31 अगस्त तक करना होगा। तब तक कोई पेनल्टी नही लगेगी। सभी ज्वैलरी व्यापारियों को केवल एक बार पंजीकरण लेना होगा जिसका कोई नवीनीकरण नहीं कराना होगा। कुंदन एवं पोल्की की ज्वेलरी तथा ज्वेलरी वाली घड़ियों को हॉलमार्क के दायरे से बाहर रखा गया है।