गंगा बैराज के बढ़े जलस्तर ने किसानों की चिन्ता बढ़ाई
गंगा बैराज के बढ़े जलस्तर ने किसानों की चिन्ता बढ़ाई
मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर गया है। जिससे भूगर्भ से निकले चोये के पानी से आधा दर्जन गाँवो के जंगल की फसले जलमग्न हो गई। गंगा के बढ़ रहे जलस्तर ने किसानों की चिन्ता बढ़ा दी है। शिवालिक की पहाड़ियों व मैदानी क्षेत्रों में हो रही बारिश से गंगा बैराज के जलस्तर में बढ़त बन गई है। रविवार की मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 219.50 मीटर को पार कर 219.80 मीटर पर पहुंच गया। यहा बैराज कन्ट्रोल रूम पर सिचाई विभाग के अधिकारियों ने गंगा के डाउन स्ट्रीम में जलस्तर के निस्तारण 129800 क्यूसेक की माप दर्ज की गई जबकि गंगा में अत्यधिक सिल्ट आने के कारण मध्य गंगा नहर फेज 1व फेज 2 को बन्द कर पानी के निस्सारण के लिए गंगा बैराज के सभी गेट खोल दिये गए। गंगा के बढे जलस्तर से भूगर्भ से निकले चोये के पानी से ग्राम हंसावाला, अल्लुवाला, स्याली, फरीदपुर व फरीदपुर,हुसैनपुर, नया गाँव, जीवनपुरी के जंगल में किसानों की मुंजी व गन्ने तथा चारे की फसल जलमग्न हो गई। जिससे गंगा के बढ़ते जलस्तर से क्षेत्रीय किसान बेहद चिंतित नज़र आ रहे हैं। वही दोपहर 12 बजे हरिद्वार से 81316 क्यूसेक जल और छोड़ा गया है जोकि देर रात तक गंगा बैराज पर पहुचेगा जिससे जलस्तर बढ़ने की सम्भावना है। गांव जीवनपुरी निवासी किसान आशीष शर्मा व चन्द्रपाल सिंह ने बताया कि बैराज में गंगा के मुहाने पर जमी हुई सिल्ट के कारण थोड़ा सा जलस्तर बढ़ते ही गंगा चेतावनी बिंदु को पार कर गई और किसानों के खेतों में चोये का पानी व गंगा का पानी घुस जाता है। किसानों का आरोप है कि उन्होनें सिल्ट सफाई कराने के लिए उच्चाधिकारियों से कई बार मांग की लेकिन किसी ने उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया। वही एडीएम मुजफ्फरनगर ने गंगा के बढे हुए जलस्तर व ग्राम हंसावाला में तटबंध पर हो रहे कटान को का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया है।
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बैराज पर बढ़ते हुए जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। बरसात के मौसम में जलस्तर की घटत-बढ़त होती रहती है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
पीयुष कुमार, अवर अभियंता मघ्य गंगा नहर बिजनोर
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