गैरकानूनी तरीके से चल रही लैब बंद कराने की मांग
जिले में विभिन्न स्थानों पर संचालित 77 पैथोलॉजी लैब को नोटिस के बाद भी चलाने का विरोध करते हुए स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठने लगे। एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार के गजट...
जिले में विभिन्न स्थानों पर संचालित 77 पैथोलॉजी लैब को नोटिस के बाद भी चलाने का विरोध करते हुए स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठने लगे। एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार के गजट नोटिफिकेशन दिखाकर केवल मेडिकल की डिग्री पर लैब चलाने वाले टैक्निशियनों पर जनता को भ्रमित करने के आरोप लगाए हैं।
शुक्रवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट मुजफ्फरनगर के उपाध्यक्ष डा. रविंद्र शर्मा व सचिव डा. शैफाली सिंह ने बताया कि यूपी में एमडी पैथोलॉजिस्ट की डिग्री वाले डॉक्टर ही लैब चलाने के लिए अधिकृत होंगे। इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश पर सीएमओ ने लैब टैक्निशियनों द्वारा चलाई जा रही 77 लैब को नोटिस भी भेजा है। नोटिस के तीन दिन बाद लैब बंद न कराने पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना हो रही है। 13 जून के केंद्र सरकार के गजट नोटिफिकेशन के हवाले पर स्वास्थ्य अधिकारी व लैब चालने वाले टैक्निशियन जनता को भ्रमित करने का कार्य कर रहे है। उन्होंने बताया कि गजट में क्लीनिकल इस्टेबिलश्मेंट एक्ट के तहत ही एमबीबीएस लैब चला सकने की बता कही गई लेकिन यूपी में यह एक्ट लागू नही है। मुजफ्फरनगर के एमडी डिग्री धारकों ने एक्ट पर आपत्ति लगा रखी है। यह खत्म होने पर ही एमबीबीएस लैब चला सकेंगे। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर में लैब टैक्निशियन एमबीबीएस डॉक्टर के सहारे लैब चला रहा है, जो गलत है। सीएमओ का कहना है कि जब तक कानूनी रूप से वैधता सत्यापित नहीं होती, तब तक वह लैब अवैध मानी जाएगी, जिनको नोटिस दिया गया है। इस दौरान डा. अशोक कुमार, डा. अनिल कुमार, डा. अनुराधा अग्रवाल आदि प्रमुख पैथोलॉजिस्ट मौजूद रहे।