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ईंट भट्टा मालिकों ने सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण के नाम पर ईंट भट्टा संचालन पर आये दिन लगने वाली पाबंदियों के खिलाफ ईंट भट्टा स्वामियों में भारी रोष ...


ईंट भट्टा मालिकों ने सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फर नगरThu, 23 Jan 2020 12:47 AM
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पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण के नाम पर ईंट भट्टा संचालन पर आये दिन लगने वाली पाबंदियों के खिलाफ ईंट भट्टा स्वामियों में भारी रोष है। पर्यावरणीय स्वीकृति की पाबंदी को लेकर ईंट भट्टा मालिकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर इसे वापस लेने के साथ ही अन्य समस्याओं को उठाते हुए धरना दिया और मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

बुधवार को ईंट निर्माता कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार के साथ जनपद में ईंट निर्माण कारोबार से जुड़े ईंट भट्टा मालिकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम कार्यालय पर धरना दिया। ईंट भट्टा निर्माताओं ने सरकार की नीतियों को लेकर कई सवाल खड़े करते हुए कहा कि भट्टों पर वर्तमान में पर्यावरणीय स्वीकृति की व्यवस्था ने कारोबार को ठप कर दिया है। इसको रोजगार के दृष्टिकोण से समाप्त किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने की दशा में इसका सरलीकरण किया जाये। समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा कि पूर्व में पांच हेक्टेयर तक खनन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटियां पर्यावरणीय स्वीकृति जारी किया करती थी, लेकिन कुछ समय पहले भट्टों को ईंट पथाई के लिए खनन के लिए पयावरणीय स्वीकृति जारी करने का अधिकार राज्य स्तर पर कमेटी को दे दिया गया। दुर्भाग्यवश राज्य स्तर पर गठित कमेटी के द्वारा ईंट भट्टों के संचालन के लिए खनन हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति अभी तक किसी को भी जारी नहीं की जा सकती है। इससे जनपद में एनजीटी की व्यवस्था के अनुसार भी ईंट भट्टों का संचालन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के सभी भट्टा मालिक पर्यावरण स्वीकृति के कड़े प्रावधानों से त्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी 13 जनवरी को पत्र लिखकर उनकी आसान कारोबार की मुहिम के अनुसार ईंट भट्टों को पर्यावरणीय स्वीकृति की व्यवस्था से मुक्त करने या इसके सरलीकरण के लिए अनुरोध किया था ताकि ईंट भट्टों का संचालन किया जा सके। इस अवसर पर ईंट भट्टा मालिक जियाउर्रहमान ने कहा कि पीएम मोदी एक तरफ देश में कारोबार और उद्योग के लिए आसान शर्ते व नियम बनाने पर जोर दे हैं और दूसरी तरफ तरह तरह के जटिल प्रावधानों के चलते उद्योगों को चैपट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक ईंट भट्टे से सीधे तौर पर 500 लोगों का कारोबार जुड़ा हुआ है और पिछले दो माह से पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिलने के कारण ईंट भट्टों का संचालन बन्द होने के कारण इन लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि आज का यह धरना सांकेतिक है और इसके बाद भी यदि स्थिति नहीं बदली तो प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जायेगा। प्रदर्शन के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। इसमें पयावरणीय स्वीकृति की व्यवस्था पूर्व की भांति जिला स्तर पर डीएम को दिये जाने, ईसी की बाध्यता से ईंट भट्टों को मुक्त करने या इसको सरल स्वप्रमाणित व्यवस्था में बदलने की मांग की गयी है।इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रमोद कुमार, जियाउर्रहमान, बलराज तायल, हाजी जमशेद, अजय मलिक, आदेश त्यागी, मौ. ईनाम, मुर्तजा, अमरपाल सिंह, श्याम तायल एडवोकेट, दिनेश कुमार, ओमपाल सिंह, हसन अब्बास, मौ. कासिम त्यागी, जमाल उर रहमान आदि ईंट भट्टा मालिक मौजूद रहे।

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