Hindi NewsUP NewsMurder over dog dispute Nephew penchant for gun ownership and bullying ruined entire family
कुत्ता विवाद में हत्या: भतीजे के तमंचा रखने और बदमाशी के शौक ने बर्बाद कर दिया पूरा परिवार

कुत्ता विवाद में हत्या: भतीजे के तमंचा रखने और बदमाशी के शौक ने बर्बाद कर दिया पूरा परिवार

संक्षेप: शाहजहांपुर जिले के बडूजई प्रथम की तुलसी कॉलोनी में रविवार रात हुई चाचा की हत्या कोई अचानक भड़की घटना नहीं थी, बल्कि एक मनोविकृत सोच और तमंचे के जुनून का नतीजा थी। 

Mon, 6 Oct 2025 09:16 PMDinesh Rathour शाहजहांपुर
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यूपी के शाहजहांपुर जिले के बडूजई प्रथम की तुलसी कॉलोनी में रविवार रात हुई चाचा की हत्या कोई अचानक भड़की घटना नहीं थी, बल्कि एक मनोविकृत सोच और तमंचे के जुनून का नतीजा थी। आरोपी विवेक को हथियार रखने और डर फैलाने का शौक था। वह चाहता था कि परिवार का हर सदस्य उसके सामने सिर झुकाकर चले। इसी शौक और अहम की लड़ाई ने पूरे परिवार को तबाह कर दिया।

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परिवार के करीबी बताते हैं कि विवेक का स्वभाव शुरू से चिड़चिड़ा था। मामूली बातों पर गुस्सा आ जाता था। कई बार घर में झगड़े के दौरान वह तमंचा निकालकर परिवारवालों को डराने लगता था। यह बात सभी जानते थे, मगर कोई उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। इसी खामोशी ने उसे खतरनाक बना दिया। करीब पंद्रह दिन पहले मोहल्ले में कुत्ता दफनाने को लेकर छोटा-सा विवाद हुआ था। बात वहीं खत्म हो गई थी, लेकिन विवेक ने उस झगड़े को अपने मन में बैठा लिया।

रविवार रात उसने उसी बात का बदला अपने सगे चाचा प्रमोद की जान लेकर चुकाया। प्रमोद जब अपने दो छोटे बच्चों के साथ कमरे में सो रहे थे, तभी कूलर को लेकर फिर विवाद किया और विवेक ने उन्हें गोली मार दी। परिवार की महिलाओं ने बताया कि प्रमोद बेहद शांत स्वभाव के थे। घर में कभी किसी से ऊंची आवाज में बात तक नहीं करते थे। पत्नी सीमा देवी ने रोते हुए कहा विवेक को तमंचे का शौक था, खुद को सबका मालिक समझता था। इसी शौक ने हम सबका घर उजाड़ दिया।

पहले भी विवेक ने निकाल लिया था तमंचा

प्रमोद के साले सूरज ने खुलासा किया कि दो महीने पहले घर में एक दावत के दौरान भी विवेक ने डीजे पर मामूली कहासुनी के बाद तमंचा निकाल लिया था। तब परिवार ने उसे समझाकर मामला शांत कराया था, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वही तमंचा एक दिन परिवार का चिराग बुझा देगा।

हंसते परिवार में अब मातम और सिसकियां

अब तुलसी कॉलोनी में सन्नाटा पसरा है। जहां कभी एक ही छत के नीचे पांचों भाइयों का परिवार साथ हंसी-खुशी रहता था, वहां अब मातम और सिसकियां हैं। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते विवेक की हरकतों पर सख्ती दिखाई जाती, तो शायद यह खूनी अंत टल सकता था।

Dinesh Rathour

लेखक के बारे में

Dinesh Rathour
दिनेश राठौर लाइव हिन्दुस्तान की यूपी टीम में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर हैं। कानपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। डिजिटल और प्रिंट जर्नलिज्म में 13 साल से अधिक का अनुभव है। लंबे समय तक प्रिन्ट में डेस्क पर रहे हैं। यूपी के कानपुर, बरेली, मुरादाबाद और राजस्थान के सीकर जिले में पत्रकारिता कर चुके हैं। भारतीय राजनीति के साथ सोशल और अन्य बीट पर काम करने का अनुभव। इसके साथ ही वायरल वीडियो पर बेहतर काम करने की समझ है। और पढ़ें
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