लॉकडाउन में कारखानेदारों का पेमेंट फंसने से दिक्कत
शहर की एक्सपोर्ट फैक्ट्रियों में कार्यरत कामगारों को अप्रैल महीने का वेतन मिलने की गारंटी हो गई है लेकिन, ऐसे सभी कारीगर रोजी रोटी को लेकर दिक्कत में पड़ गए हैं जो किसी कारखानेदार के अधीन काम करते...
शहर की एक्सपोर्ट फैक्ट्रियों में कार्यरत कामगारों को अप्रैल महीने का वेतन मिलने की गारंटी हो गई है लेकिन, ऐसे सभी कारीगर रोजी रोटी को लेकर दिक्कत में पड़ गए हैं जो किसी कारखानेदार के अधीन काम करते हैं क्योंकि, तमाम कारखानेदारों को पेमेंट नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक मदद नहीं मिल पाने की समस्या आ गई है। मुरादाबाद में करीब पांच हजार कारखानेदार निर्यातकों के ऑर्डर पर माल तैयार करने का काम कर रहे हैं। कोरोना की वजह से चल रहे लॉकडाउन के चलते तमाम विदेशी ग्राहकों के ऑर्डर निरस्त होने और कामकाज पूरी तरह से ठप होने का हवाला देकर निर्यातकों ने कारखानेदारों का पेमेंट रोक दिया है। मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष नोमान मंसूरी का कहना है कि कारखानेदारों के अधीन ढलाई, छिलाई, पॉलिशिंग आदि का काम करने वाले कारीगर बेहद आर्थिक तंगी का हवाला देकर मदद की गुहार लगा रहे हैं लेकिन, निर्यातकों की तरफ से मिलने वाला पेमेंट अटक जाने से वह अपनी मजबूरी जाहिर कर रहे हैं।