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तीन दिन में यूपी बोर्ड की अड़तीस फीसदी कापियां जंचीं

यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की कापियां जांचने का कार्य धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है। तीसरे दिन परीक्षकों की संख्या दो सौ के लगभग बढ़ी। प्रत्येक केंद्रों पर कुल मिलाकर 1161 परीक्षक पहुंचे और...

तीन दिन में यूपी बोर्ड की अड़तीस फीसदी कापियां जंचीं
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादThu, 21 May 2020 07:53 PM
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यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की कापियां जांचने का कार्य धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है। तीसरे दिन परीक्षकों की संख्या दो सौ के लगभग बढ़ी। प्रत्येक केंद्रों पर कुल मिलाकर 1161 परीक्षक पहुंचे और अड़तीस फीसदी कापियों की जांच की गई। जिला विद्यालय निरीक्षक प्रदीप कुमार द्विवेदी ने बताया कि सभी केंद्रों पर मूल्यांकन का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है।

प्रतिदिन परीक्षकों की संख्या बढ़ ही रही है। ऐसे में मूल्यांकन कार्य ने रफ्तार पकड़ लिया है। उम्मीद है कि मूल्यांकन का कार्य दस दिन में पूरा कर लिया जाएगा। प्रतिदिन मूल्यांकन केंद्रों का सेनिटाइजेशन कराया जा रहा है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जा रहा है।

शिक्षकों ने की पारिश्रमिक बढ़ाने की मांग

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चेतनारायण गुट के जिलाध्यक्ष तुंगीश यादव ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम से लेकर शिक्षण एवं परीक्षा तक सब सीबीएसई बोर्ड के अनुसार किया जा रहा है तब पारिश्रमिक की दरों को भी सीबीएसई बोर्ड से बहुत अधिक अंतर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीबीएसई बोर्ड में हाईस्कूल की प्रति कॉपी मूल्यांकन पारिश्रमिक 25 रु. और इंटर में 30 रु. प्रति कॉपी है। जबकि यूपी बोर्ड में हाईस्कूल की प्रति कापी पारिश्रमिक 11 रु. और इंटर की प्रति कापी 13 रु. है। संघ के शिक्षकों का कहना है कि इसके अलावा सीबीएसई में मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचने के लिए 250 आवागमन शुल्क भी मिलता है जबकि यूपी बोर्ड के शिक्षकों को केवल 27 रु. मिलता है। इसी तरह परीक्षा में कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करने पर यूपी बोर्ड में 96 रु. मिलता है, जबकि सीबीएसई बोर्ड में कक्ष निरीक्षक को रु. 200 मिलता है।

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