अंग्रेजी विषय पढ़ने को लेकर दोगुनी हुई बेटों के मुकाबले बेटियों की संख्या
अंग्रेजी विषय पढ़ने को लेकर दोगुनी हुई बेटों के मुकाबले बेटियों की संख्या ...

ग्लोबल भाषा की ओर काफी तेजी से बढ़ा बेटियों का रुझान, स्नातक कक्षाओं में बढ़ी संख्या
अंग्रेजी पढ़ाई से बेटियों को युवावस्था में जिंदगी में आने वाली चुनौती से निपटने को हिम्मत मिलेगी
शहर के तीनों प्रमुख डिग्री कॉलेजों में अग्रेजी विषय में छात्रों के मुकाबले छात्राओं की संख्या दोगुनी
मुरादाबाद, काजल सैनी
बेटियों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास हो चला है। छात्र काल में अंग्रेजी की पढ़ाई से उन्हें युवावस्था में जिंदगी में आने वाले चैलेंज से डटकर मुकाबला करने की हिम्मत मिलेगी तो वहीं गृहस्थ जीवन में कदम रखकर खुद की अर्जित शिक्षा से वह अपने परिवार को भी शिक्षित कर सकेगी। ये सामाजिक बदलाव की बुनियाद हो या शिक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता। आज बेटों की अपेक्षा बेटियां अंग्रेजी भाषा का चुनाव ज्यादा कर रहीं हैं, क्योंकि उन्हें ये मालूम है कि आने वाले समय में अंग्रेजी की क्या महत्ता होने वाली है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम हो या बेटियों के लिए चलाई गई योजना, हर जगह उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसका परिणाम हो या बेटियों की जागरूकता, आज शहर के अधिकांश कॉलेजों में उन्होंने बेहतर करके दिखाया है। साथ ही ग्लोबल लैंग्वेज की ओर अग्रसर होकर अंग्रेजी भाषा का चुनाव किया है। बेटों की अपेक्षा बेटियों ने इस भाषा को स्वीकारा है। हिंदू कॉलेज में अंग्रेजी में लिए गए दाखिलों की बात करें तो यहां पर 222 लड़के तो वहीं 412 लड़कियों ने एडमिशन लिया है। इसी तरह केजीके कॉलेज में 144 लड़कों के सापेक्ष 179 लड़कियों ने बीए अंग्रेजी में दाखिला लिया। वहीं गोकुलदास में 156 लड़कियों ने इस साल दाखिला लिया।
कॉलेजों में अंग्रेजी विषय में छात्र-छात्राओं की संख्या
हिंदू कॉलेज-छात्र-222 ,छात्राएं-412
केजीके कॉलेज-छात्र-144 छात्राएं-179
गोकुलदास-156 छात्राएं
लड़कियों मे शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है, ये उसी का परिणाम है। अंग्रेजी ग्लोबल लैंग्वेज है और लड़कियां विशेष रूप से इसे चुन रही हैं, ये अच्छी बात है। समाज को बेहतर बनाने में लड़कियों का विशेष योगदान होता है।
डॉ. पूजन प्रसाद,
प्रोफेसर व प्रभारी अंग्रेजी विभाग, हिंदू कॉलेज
