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हाईकोर्ट ने तलब कर लिए जिले के सभी अस्पताल

सर्जरी आदि में इस्तेमाल होने के बाद कूड़ा बन जाने वाली चीजों का निस्तारण निर्धारित मानकों से हो रहा है या नहीं। यह जानने के लिए हाईकोर्ट ने मुरादाबाद के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों का ब्योरा मांगा...

हाईकोर्ट ने तलब कर लिए जिले के सभी अस्पताल
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादTue, 05 Sep 2017 07:45 PM
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सर्जरी आदि में इस्तेमाल होने के बाद कूड़ा बन जाने वाली चीजों का निस्तारण निर्धारित मानकों से हो रहा है या नहीं। यह जानने के लिए हाईकोर्ट ने मुरादाबाद के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों का ब्योरा मांगा तो हड़कंप मच गया। आनन फानन में पौने दो सौ निजी डॉक्टरों ने अपने यहां का मेडिकल कचरा नियमानुसार निस्तारित किए जाने का दावा कर दिया। अस्पतालों का ब्योरा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक को भेज दिया गया है। अस्पतालों में मेडिकल कचरे के निस्तारण के संबंध में हाईकोर्ट के निर्देश स्वास्थ्य महानिदेशक के पत्र के माध्यम से यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास पहुंचे। त्अधिकारी तत्काल सरकारी अस्पतालों की सच्चाई का ब्योरा तैयार करने में जुट गए तो निजी अस्पतालों की रिपोर्ट प्राप्त करने के आईएमए को नोटिस जारी कर दिया गया। नोडल अधिकारी डॉक्टर रंजन गौतम ने बताया कि नोटिस का तत्काल संज्ञान लेकर आईएमए ने अपने सदस्यों द्वारा संचालित नर्सिंग होम व क्लीनिकों में बायोमेडिकल कचरे के निस्तारण का ब्योरा जुटाया। खास बात ये है कि जिले में 155 निजी चिकित्सकों ने बायोमेडिकल कचरे का निस्तारण कराने के लिए खुद को जिम्मेदार व अधिकृत दर्शाया हुआ है, लेकिन हाईकोर्ट का आदेश होने के मद्देनजर कुछ ऐसे डॉक्टरों ने भी कचरे के नियमानुसार निस्तारण का दावा किया जो अपने क्लीनिक में सामान्य ड्रेसिंग आदि ही करते हैं। जिसके चलते ब्योरा देने वाले निजी डॉक्टरों की संख्या 175 दर्ज हुई। तकरीबन सभी डॉक्टरों ने इसके लिए मेरठ की कंपनी के साथ अनुबंध होने का हवाला दिया। डॉक्टर गौतम ने दावा किया कि दोनों जिला अस्पताल और सीएचसी पीएचसी में बायोमेडिकल कचरे का निस्तारण निर्धारित मानकों के मुताबिक किया जा रहा है।

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