और जुदा हो गए फरजाना और तस्लीम के रास्ते
निकाह के जरिए हमेशा के लिए एक दूसरे के हुए फरजाना और तस्लीम के रास्ते एक माह में ही अलग-अलग हो गए। आपसी रजामंदी के बाद गांव की पंचायत ने सऊदी अरब गए तस्लीम से फोन पर फरजाना को तीन तलाक दिलवाया और...
निकाह के जरिए हमेशा के लिए एक दूसरे के हुए फरजाना और तस्लीम के रास्ते एक माह में ही अलग-अलग हो गए। आपसी रजामंदी के बाद गांव की पंचायत ने सऊदी अरब गए तस्लीम से फोन पर फरजाना को तीन तलाक दिलवाया और दोनों को हमेशा के लिए जुदा कर दिया। हालांकि तस्लीम को निकाह में मिले सामानों के एवज में साढ़े चार रुपये लौटाने होंगे।
ठाकुरद्वारा निवासी तस्लीम अहमद का निकाह बिजनौर के थाना अफजलगढ़ की कासमपुर निवासी फरजाना से करीब एक माह पूर्व हुआ था। निकाह के बाद फरजाना के हाथों की मेंहदी छूटने से पहले ही तस्लीम काम के सिलसिले में सऊदी अरब चला गया। फरजाना का आरोप है कि तस्लीम के जाने के बाद से ससुराल वाले उस पर जुल्म किया जाने लगा। आए-दिन मारपीट भी की गई। फरजाना ने यह बात अपने मायके वालों को बताई। यह भी बताया कि उसकी जिंदगी खतरे में है।
मायके वालों की गुहार पर शनिवार की शाम पूर्व विधायक सखावत हुसैन अंसारी की सरपरस्ती में पंचायत हुई। पंचायत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद माना कि तस्लीम के सऊदी चले जाने के बाद से ससुराल वालों का व्यवहार उसके प्रति अच्छा नहीं है, इसलिए फरजाना का तस्लीम की जिंदगी से निकल जाना ही बेहतर है। पंचायत ने फैसला सुनाया कि दहेज का सामान वापस करने के बजाय तस्लीम इसके एवज में फरजाना को साढ़े चार लाख रुपये अदा करेगा। पंचायत के फैसले की जानकारी सऊदी अरब में शौहर तस्लीम अहमद को दी गई। इसके बाद उसने फोन कर तीन बार तलाक कह कर फरजाना को आजाद कर दिया।