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शिवा का ‘शिकार: 2 विकेट, एक कैच और एक रन आउट

शिवा सिंह ने विश्व कप के फाइनल मैच में कमाल का प्रदर्शन किया। शिवा ने अपने स्पेल के पूरे दस ओवर फेंके। दस ओवर में 36 रन देकर दो खिलाड़ियों को अपना शिकार बनाया। शिवा ने एक कैच भी लपका और एक बेहतरीन रन...

शिवा का ‘शिकार: 2 विकेट, एक कैच और एक रन आउट
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादSat, 03 Feb 2018 07:31 PM
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शिवा सिंह ने विश्व कप के फाइनल मैच में कमाल का प्रदर्शन किया। शिवा ने अपने स्पेल के पूरे दस ओवर फेंके। दस ओवर में 36 रन देकर दो खिलाड़ियों को अपना शिकार बनाया। शिवा ने एक कैच भी लपका और एक बेहतरीन रन आउट भी किया। लेफ्ट आर्म स्पिनर शिवा सिंह पर कप्तान और कोच दोनों ने भरोसा जताया वह खरे भी उतरे। शिवा सिंह ने अंडर 14 की कप्तानी संभाल कर यूपी में 2012-13 में दमदार दस्तक दी थी। तभी लगने लगा था कि शिवा लंबा क्रिकेट खेलेंगे। जूनियर इंडिया टीम में उन्होंने खुद को साबित किया। फाइनल मैच में शिवा ने बेहतरीन गेंदबाजी की। विकेट पर टर्न मिला और इसका फायदा उठाया। शिवा ने उंगलियों के कमाल से ‘कैरम भी मारा और आर्मर का अस्त्र भी आजमाया। विकेट उन्होंने टर्न पर झटके। वह दस ओवर में दो विकेट झटकने में कामयाब रहे और किफायती भी रहे। कुल 36 रन दिए। एक शानदार कैच और एक उम्दा रन आउट भी किया। शिवा सिंह अपने प्रदर्शन से गदगद हैं। जीत के बाद परिजनों से खुशियां साझा कीं। उनके पिता अजित सिंह ने बेटे को शुभकामनाएं दीं। बेटे का सपना पोते ने पूरा कियाशिवा के पिता इंडिया नहीं खेल सके और रामकुमार सिंह का सपना अधूरा था अब उनके पोते शिवा ने यह सपना पूरा कर दिया। शिवा के पिता अजित सिंह यूपी के एक दिवसीय मैच में खेल चुके हैं। 2000 में जब विल्स ट्राफी होती थी तो अजित सिंह को टीम में शामिल किया गया था। अब यही ट्राफी विजय हजारे के नाम से जानी जाती है। अजीत इसके आगे नहीं खेल सके। शिवा ने कर दिखाया। जूनियर इंडिया टीम चैंपियन बनी और शिवा ने दो विकेट झटके तो दादा खुशी से गदगद हैं दादी कमला सिंह भी बार बार दुआएं दे रही हैं। शिवा का सफरनामा नाम शिवा सिंह निवास इंद्रप्रस्थ कालोनी हरथलालेफ्ट आर्म स्निपर (आल राउंडर) खूबी ‘कैरम और ‘आर्मर खास अस्त्र यूपी अंडर 14 में कप्तान यूपी अंडर 16 टीम के सदस्य इंडिया कैंप किया चैलेंजर ट्राफी में प्रतिभाग वीनू मांकड़ ट्राफी में सबसे ज्यादा विकेट एशिया कप में श्रीलंका का दौरा इंग्लैंड का इंडिया दौरा और इंडिया का इंग्लैंड दौरा मलेशिया में भी फिरकी का कमाल विकेट पर निशाना और रन रोकना था लक्ष्य: शिवा मुरादाबाद। शिवा सिंह ने एक रणनीति की तहत खेल दिखाया। कोशिश थी कि रन कम लुटाएं और विकेट झटकें। दस ओवर में तीस रन से ज्यादा तो देने ही नहीं थे। इसी रणनीति के साथ वह पूरे टूर्नामेंट में खेले। शिवा कहते हैं कि तीस रनों के अंदर ही देने हैं यह सोच कर बाल डालनी थी। विकेट ने भी मदद की। टीम इंडिया का मनोबल इसलिए भी ऊंचा था क्योंकि पहला मैच ही आस्ट्रेलिया से जीत लिया। आखिरी मैच में शिवा ने 36 रन दिए दो विकेट लिए। पिता से सीखी क्रिकेट की एबीसीडी शिवा सिंह ने पिता अजीत सिंह से क्रिकेट की एबीसीडी सीखी। अजित सिंह ने 2000 में यूपी टीम से एक दिवसीय मैच खेले। जिस तरह अब विजय हजारे ट्राफी होती है उसी तरह यह भी एक दिवसीय मैच था। अजीत मीडियम पेसर बालिंग भी करते रहे हैं और लंबे शॉट लगाने की महारथ उनमें रही है। शिवा लेफ्ट आर्म स्पिनर हैं। पिता ने उनको क्रिकेट की बारीकियां सिखाईं। चंडीगढ़ में भी कैंप किया। दिल्ली में मदन शर्मा के क्लब से भी खेले।

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