मुरादाबाद। वरिष्ठ संवाददाता
शुक्रवार से शुरु हो रहा नया साल रेल यात्रियों के लिए नई सौगात लेकर आएगा। 5 जनवरी को लक्सर-हरिद्वार रूट पर रेल दोहरीकरण का काम पूरा हो जाएगा। डबलिंग के साथ ही इस रूट पर सत्रह जोड़ी अन्य ट्रेनों को भी चलाने की तैयारी शुरु हो जाएगी। खास यह कि हरिद्वार व देहरादून से चलने वाली इंदौर,अमदाबाद, पुरी,ओखा,हावड़ा के अलावा मुरादाबाद से होकर गुजरने वाली भी दून, जनता, देहरादून-काठगोदाम,हरिद्वार-प्रयागराज समेत तमाम ट्रेनें शामिल है।
लक्सर-हरिद्वार के बीच दोहरीकरण का काम पूरा होने वाला है। डबलिंब से मुरादाबाद व दक्षिण राज्यों के लिए ट्रेनों का संचालन शुरु करने की तैयारी हो रही है। अभी इक्कड़ से हरिद्वार के बीच दोहरीकरण का काम चल रहा है। 29 दिसंबर से शुरु नॉन इंटरलाकिंग का काम 5 जनवरी को पूरा होगा। इसके साथ ही हरिद्वार रूट पर भी ट्रेनों का संचालन शुरु हो जाएगा। इस रूट पर कुल 32 जोड़ी ट्रेनें चलती है। इनमें कोरोना व कोहरे के चलते 15 जेाड़ी ट्रेनें संचालित है। रेलवे की माने तो डबलिंग से रेलवे की रफ्तार बढ़ेगी। इसमें कोरोना काल से पहले से चल रही ट्रेनों को चलाने की योजना है। इनमें कुछ वीकली, बाई वीकली व ट्राई वीकली और कुछ रोजाना चलने वाली ट्रेनें है।
ट्रेनों के संचालन की संभावना
देहरादून-काठगोदाम, जनता एक्सप्रेस, दून, श्रीमाता वैष्णोदेवी-ऋषिकेश, जम्मूतवी-हावड़ा,योगा एक्सप्रेस(हरिद्वार-अमदाबाद),देहरादून-कोच्चिवली, देहरादून से बांद्रा टर्मिनल, प्रयागराज-हरिद्वार,बीकानेर-हरिद्वार, देहरादून-ओखा, पुरी-हरिद्वार, उज्जैन-देहरादून, इंदौर-देहरादून, कुंभ व उपासना ट्रेनें है।
लक्सर-हरिद्वार पर डबलिंग का काम पूरा होने के साथ रेल संचालन को बढ़ावा मिलेगा। अब तक रूट पर चलने वाली अन्य ट्रेनों का संचालन शुरु किया जाएगा। इस रुट पर देहरादून व हरिद्वार से दूर दराज की तमाम ट्रेनें चलती है। इस साल में अन्य सेक्शन में डबलिंग,सिग्नल व अंडरपास समेत अन्य काम होंगे।
तरुण प्रकाश डीआरएम
मार्च तक रोजा-सीतापुर पर चार ब्लाक में डबलिंग का लक्ष्य
मुरादाबाद। नए साल में रेलवे के अटके के कई प्रोजेक्टों के पूरा होने के आसार है। हरिद्वार के रोजा-सीतापुर डबलिंग का काम मार्च तक पूरा हो जाएगा। 22 लेवल क्रासिंग व अंडर पास का निर्माण चल रहा है। वित्तीय वर्ष तक छह लेवल क्रासिंग व दस गेटों पर अंडरपास का काम पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा पांच स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक इंटरलाकिंग का लक्ष्य है। रेल संचालन को बढ़ावा देने को एगवां-कौढ़ा व तिलहर-बंथरा के बीच आईबीएस सिस्टम लगेगा।